Wednesday, March 29, 2023
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विवादित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर बैन की मांग , सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका

विवादित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर बैन की मांग , सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका, पिछले कई दिनों से बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को लेकर पुरे देश में विवाद जारी है। मोदी सरकार ने कई सोशल नेटवर्किंग साइटों से इसके प्रसारण को हटवाया था। इसके बाद लोग भारत में बीबीसी को बैन करने की मांग करने लगे। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने साफतौर पर कहा कि बीबीसी पर बैन नहीं लगेगा।

दरअसल इस याचिका को हिंदू सेना ने दायर किया था। उन्होंने याचिका में भारत में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) को बैन करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि बीबीसी एक विदेशी कंपनी है, जो भारत की एकता और अखंडता को तोड़ने की साजिश रच रही। इसकी जांच एनआईए से करवाई जानी चाहिए। हिंदू सेना का आरोप था कि बीबीसी पीएम मोदी को बदनाम करने की साजिश रच रहा, ऐसे में कोर्ट उस पर बैन लगाए, क्योंकि उसके पास अधिकार हैं। इस याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा था।

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सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू सेना की याचिका की खारिज

विवादित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर बैन की मांग , सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका

हिंदू सेना को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की भारत में बीबीसी के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगाए जाने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि इस तरह की मांग उठाना पूरी तरह से गलत और अतार्किक है। बेंच के सामने पेश अर्जी में कहा गया था कि बीबीसी और बीबीसी इंडिया के देश में प्रसारण पर रोक लगाई जाए।दरअसल, हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने बीबीसी पर भारत में संचालन से प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. इसके साथ ही गुजरात दंगों की डॉक्यूमेंट्री को साजिश बताते हुए एनआईए जांच की भी मांग की थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है.

वकील पिंकी आनंद का बयान

सीनियर एडवोकेट पिंकी आनंद ने इस डॉक्यूमेंट्री के प्रतिबंध की मांग की थी.वहीं शुक्रवार की सुनवाई में पेश याचिकाकर्ता के वकील पिंकी आनंद ने कहा कि बीबीसी भारत के खिलाफ अभियान चला रहा। इसे बैन किया जाना चाहिए। जिस पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एम एम सुंदरेश की बेंच ने कहा कि इस केस में मेरिट नहीं है। ऐसे में वो इसको खारिज करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस खन्ना ने कहा

विवादित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर बैन की मांग , सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका

बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप इस तरह की राहत कैसे मांग सकते हैं, क्या कोर्ट डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगा सकता है? इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप इस तरह की राहत कैसे मांग सकते हैं, क्या कोर्ट डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगा सकता है?इस अवसर पर याचिकाकर्ताओं के लिए सीनियर एडवोकेट पिंकी आनंद ने बीबीसी को जानबूझकर छवि खराब करने का तर्क दिया था. इस मामले में जस्टिस खन्ना ने कहा कि आप इस पर बहस भी कैसे कर सकते हैं कि यह पूरी तरह से गलत है. साथ ही सवाल पूछते हुए कहा कि आप अदालत से बीबीसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग कैसे कर सकते हैं?इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि यह याचिका गलत है, SC ऐसे आदेश कैसे पारित कर सकता है. डॉक्यूमेंट्री देश को कैसे प्रभावित कर सकती है.

बैन संविधान के खिलाफ

विवादित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर बैन की मांग , सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका

अधिवक्ता एमएल शर्मा ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Supreme Court on BBC) की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष एक जनहित याचिका डाली है। याचिका में कहा गया है कि बीबीसी डॉक्युमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” पर प्रतिबंध लगाने का केंद्र का फैसला दुर्भावनापूर्ण, मनमाना और असंवैधानिक है।

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SC को डॉक्युमेंट्री देखने का आग्रह

विवादित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर बैन की मांग , सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका

अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वे बीबीसी डॉक्युमेंट्री के दोनों भाग देखे और उसकी जांच करे। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे जो 2002 के गुजरात दंगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार थे।केंद्र सरकार ने कई जगहों से इस डॉक्यूमेंट्री को बैन किया था। जिसको लेकर कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली। इस याचिका पर कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा था। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि सरकार बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को ब्लॉक करने के अपने फैसले से संबंधित मूल रिकॉर्ड पेश करे। वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) की ओर से मुंबई यूनिवर्सिटी के कलिना कैंपस में बीबीसी डॉक्युमेंट्री के स्क्रीनिंग की मांग की गई है।