विनाशकारी भूकंप का पड़ा इलेक्शन पर बड़ा प्रभाव, जनता ने किसी भी पार्टी को नहीं दिया बहुतमत, तुर्किये में चुनाव के परिणाम सामने आ गए है। जनता ने किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं दिया है. कश्मीर मामले में पाकिस्तान का समर्थन करने वाले रेसेप तैयप एर्दोगन की पार्टी AKP को 49.4% वोट मिले. वहीं, तुर्किये के गांधी कहे जाने वाले कमाल केलिकदारोग्लू की पार्टी CHP को 45.0% वोट मिले हैं. जबकि सत्ता में आने के लिए किसी भी पार्टी को 50% से ज्यादा वोट मिलने चाहिए. लेकिन यहां पर ऐसा नहीं हुआ और चुनाव में जनता को बहुमत नहीं मिल पाया।
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फिर एक बार होंगे तुर्किये में चुनाव
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जानकारी के अनुसार, अब ऐसे में तुर्किये देश में 28 मई को एक बार फिर से चुनाव होने जा रहे है. इसकी वजह है की वोटों की काउंटिंग में कोई भी उम्मीदवार 50% से अधिक वोट हासिल नहीं कर पाया. जबकि, राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के लिए 50% से अधिक वोट चाहिए होंगे. अनादोलू के शुरूआती परिणामों में तुर्की के मौजूदा राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन विपक्षी प्रतिद्वंद्वी कमाल केलिकदारोग्लू की तुलना में आगे थे, लेकिन फिर अंतर कम होता चला गया. इस प्रकार इतनी वोटिंग होने के बाद भी 50% से ज्यादा वोटिंग नहीं हो पाई है।
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भूकंप का असर चुनाव पर

साल 2023 में इसी साल फरवरी में तुर्किये में 7.8 तीव्रता का भयंकर भूकंप आया था. इस भूकंप ने लगभग 50 हजार लोगों को मौत के चपेट में ले लिया. भूकंप का 11 शहरों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा था. जिनमें से 8 शहरों को एर्दोगन का गढ़ माना जाता है. पिछले 2 चुनावों में उन्हें इन शहरों से 60% से ज्यादा वोट मिले थे. मगर, इस बार एर्दोगन नहीं जीत पाए.

भूकंप से तुर्किये की अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा बुरा असर पड़ा है. देश में विस्थापन और बेरोजगारी काफी बढ़ गई. कई लोगो के पास रहने का ठिकाना तक नहीं है। लोग इस समस्या से बहुत परेशान हो रहे है।