वाराणसी के 2 कुत्तो का बना पासपोर्ट , अब विदेश में मिलेगा घर , जानिये जया और मोती की कहानी, भारत में किसी आम इंसान का पासपोर्ट बनना भी बड़ी बात कहलाती है और विदेश यात्रा एक बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। ऐसे में अगर कोई भारतीय गली में रहने वाले कुत्ते का पासपोर्ट बनने की बात कहे तो उस पर यकीन करना ज़रा मुश्किल होगा, लेकिन यह बिलकुल सच बात है। उत्तर प्रदेश में शायद पहली बार ऐसा हो रहा है जब स्ट्रीट डॉग यानी गलियों में घूमने वाले आवारा कुत्ते का पासपोर्ट बना है और यही नहीं इन्हे विदेश में रहने का मौका भी मिला है। दरअसल धर्म नगरी वाराणसी में यह अजूबा देखने को मिला जंहा दो स्ट्रीट डॉग नीदरलैंड और इटली में अपना घर बसाने जा रहे हैं. एक नाम जया है और दूसरे का नाम मोती, जिनका पासपोर्ट तैयार हो चुका है और अगले महीने फ्लाइट पकड़कर अपने विदेश वाले घर पहुंच जाएंगे. गली के आवारा कुत्तों का पासपोर्ट वाराणसी में बनाया गया है. अब इन्हें विदेश भेजा जा रहा है, जहां उन्हें रखने के लिए लोग चुने जा चुके हैं.
वाराणसी के गलियों में एक टाइम की रोटी के लिए पूरा दिन घूमने वाले 2 कुत्तो जया और मोती की किस्मत खुल गई जब एक विदेशी पर्यटक ने इन्हे गोद लेने का फैसला किया। दरसल वाराणसी में हर साल हज़ारो विदेशी पर्यटक आते है और विदेशी लोगो को जानवरो से ख़ास लगाव होता है। ऐसे अलग अलग विदेशी पर्यटक को 2 कुत्तो से लगाव हो गया फिर उन्होंने इन्हे अपने साथ ले जाने का फैसला कर लिया। जिनका पासपोर्ट तैयार किया गया है। अब इन्हें विदेश भेजकर वहीं बसाया जाएगा. इसके लिए दोनों कुत्तों के मालिक भी तलाशे जा चुके हैं. दोनों कुत्ते अब जल्द ही अपने नए घर जाने के लिए हवाई जहाज में बैठकर विदेश यात्रा करेंगे.
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जया को और मोती को विदेश में मिलेगा घर

दरअसल ये विदेश में रहने वाले दो लोगों के कुत्तों से प्यार का नतीजा है, जिसमें उनकी मदद एक स्थानीय एनजीओ कर रहा है. दरअसल पिछले दिनों नीदरलैंड्स निवासी मीरल वाराणसी घूमने आई थीं. वहां उन्होंने गंगा घाट पर एक आवारा कुतिया बेहद बुरी हालत में मिली. इस कुतिया का नाम उन्होंने जया रखा और उसे इलाज के लिए एनिमयर केयर ट्रस्ट संस्था से संपर्क किया. उन्होंने जया के ठीक होने तक उसका इलाज कराया. इसके बाद वापस लौटते समय उसे अपने पास नीदरलैंड्स ही बुलाकर रखने का वादा किया. इसके तहत ही जया का पासपोर्ट बनवाया गया और अब नीदरलैंड्स भेजने का इंतजाम किया जा रहा है.

दूसरे कुत्ते का नाम मोती है. वो इटली निवासी वीरा लज्जारेती को वाराणसी की गलियों में मिला था. वीरा को मोती बेहद भा गया और उन्हें उससे लगाव हो गया. वीरा ने भी उसे साथ ले जाने के लिए उसका पासपोर्ट और टिकट तैयार कराया है. इन दोनों कुत्तों के लिए विदेश में नए घर और नए मालिक तलाश किए गए हैं. एक कुत्ते को नीदरलैंड्स भेजा जा रहा है, जबकि दूसरे को इटली की सैर कराई जाएगी. इन दोनों कुत्तों के मालिक भी उनके आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
जया और मोती का बना पासपोर्ट

इन दो डॉगी का पहली बार पासपोर्ट तैयार हो गया है, इनमें से सबसे पहले जया नीदरलैंड जा रही है. दरअसल, बनारस एक ऐसा शहर है जहां पूरी दुनिया से पर्यटक आते हैं. इन्ही पर्यटकों में से एक इटली की रहने वाली वीरा लज्जारेती और नीदरलैंड की मिरल बोउन्टेन दोनों अलग-अलग समय पर बनारस आईं. बनारस में दोनों के सबसे ईमानदार साथी यह कुत्ते बने. ऐसे में दोनों ने बनारस में एक एनजीओ से सम्पर्क किया और डॉगी को साथ ले जाने के लिए उन्हें गोद लिया. जिसके बाद वो अपने घर चली गईं, लेकिन अब उन्होंने अपने-अपने पसंदीदा कुत्तों को अपने घर बुला रही हैं, जिसके लिए फॉर्मेलिटी पूरी कर ली गयी है.
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विदेश भेजने के लिए की गई तैयारियां

दोनों कुत्तों की पूरी जानकारी उनके पासपोर्ट में लिखी गई हैं.कुत्तों का सभी तरह का जरूरी वेक्सीनेशन कर दिया गया है.विदेश पहुंचने पर भी उनकी मेडिकल एक्सपर्ट जांच करेंगे.इसके अलावा उनका दोबारा वेक्सीनेशन किया जाएगा.दोनों पर एक चिप भी लगाई गई है, जिसे स्कैन करने पर उनकी सारी जानकारी मिल जाएगी.