उन्नत कृषि यंत्र बन रहे बचत का साधन ?

जाले। मिथिला में अधिकतर किसानों की समस्या ‘मैन पावर की है। इस समस्या से जूझते हुए रतनपुर के किसान अशोक ठाकुर ने हार नहीं मानी। उन्होंने जाले कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांशु शेखर से मुलाकात की। मैन पावर के अभाव और जंगली जानवरों के उपद्रव से आलू की उजड़ रही खेती को लेकर अपनी व्यथा बताई। यह सुनने के बाद डॉ. दिव्यांशु ने उनकी हौसला अफजाई करते हुए जलवायु अनुकूल खेती परियोजना के तहत उन्हें ‘पोटैटो प्लांटर से बड़े पैमाने पर आलू की रोपाई करने की सलाह दी।
कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से किसान अशोक ठाकुर ने 20 नवंबर को लगभग चार बीघे में ‘पोटैटो प्लांटर से आलू की रोपाई की। बीच बीच में कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांशु के साथ पौधा संरक्षण वैज्ञानिक डॉ. रामप्रवेश प्रसाद और वरीय अनुसंधान सहायक शिवम चौबे आलू के पौधों की निगरानी करते रहे।
समय पूरा हो जाने पर आलू की खुदाई के लिए कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से किसान को ‘पोटैटो डिगर उपलब्ध करवाई गई, जिससे अशोक ठाकुर ने अपने खेत से आलू निकालना शुरू कर दिया है।
आलू की मशीन से हुई खुदाई को देखने के लिए रतनपुर के साथ-साथ कछुआ, लखनपुर, कलवाड़ा, मलिकपुर, चकौती, बेदौली, ब्रह्मपुर, आदि गांव के किसान वहां पहुंच रहे हैं। जिले में ‘पोटैटो प्लांटर से आलू की रोपाई और ‘पोटैटो डिगर से आलू की खुदाई करने वाले अशोक ठाकुर दरभंगा जिले के पहले किसान हैं। किसान ने कहा कि आलू की खेती में मजदूरों की समस्या सामने आ रही थी। हमें खेतों से शत-प्रतिशत सुरक्षित आलू निकालने में जहां सहयोग मिल रहा है, वहीं भारी मात्रा में मजदूरी पर लगने वाले खर्च की भी बचत हो रही है।