बांस की खेती करेंगे लखपति, ‘हरे सोने’ की खेती कम मेहनत में देगी इतना बड़ा मुनाफा

ग्रीन गोल्ड’ की फार्मिंग :
देश में बांस की खेती को लेकर चलन अब बदल रहा है। धीरे-धीरे किसानों का रुझान अब बांस की खेती की ओर जा रहा है। मप्र सरकार भी 50 फीसदी तक सब्सिडी दे रही है। बांस को हरा सोना कहा जाता है।
खेती सोच-समझकर भी की जाए तो यह इंसान को बैठे-बैठे ही अमीर बना देती है। लोग अब कई तरह की खेती से अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। ऐसे में बांस की खेती, जिसे हरा सोना कहा जाता है, भी इन्हीं में से एक है, जिसका चलन भी हाल के दिनों में बढ़ा है. मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार भी बांस की खेती के लिए 50 फीसदी तक सब्सिडी दे रही है. इस खेती में थोड़ी मेहनत की जाए तो लाभ बहुत अच्छा बताया जाता है। इसका एक कारण यह भी है कि देश में बहुत कम लोग बांस की खेती करते हैं। लेकिन मांग अधिक बनी हुई है।
ज्यादा सुरक्षित :
कई बड़े किसान और कृषि विशेषज्ञ मानते हैं कि बांस की खेती भी अन्य फसलों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है। साथ ही इससे अच्छी खासी कमाई भी की जा सकती है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी मौसम में खराब नहीं होती है। बांस की फसल को एक बार लगाने से कई वर्षों तक इसका उत्पादन किया जा सकता है। बांस की खेती में खर्चा कम होता है, मेहनत भी कम होती है लेकिन कमाई के मामले में यह बेहतरीन है।
कुछ हेक्टेयर जमीन पर बांस की खेती :
तीन साल में एक बांस के पौधे की कीमत करीब 240 रुपये होती है। एक हेक्टेयर भूमि में 625 बांस के पौधे लगाए जा सकते हैं। बांस का पौधा किसी भी नर्सरी से खरीदा जा सकता है। कई किसान अपने खेतों के आसपास बांस के पौधे लगाते हैं और दो-तीन साल तक उसमें काम करके अच्छा पैसा कमाते हैं। कुछ हेक्टेयर जमीन पर बांस की खेती कर चार साल में लाखों की कमाई की जा सकती है।
जुलाई के महीने में बांस का पौधा लगाना सबसे अच्छा माना जाता है। बांस का पौधा महज तीन महीने में उगने लगता है। हालांकि, बांस के पौधे को समय-समय पर काटना पड़ता है। करीब तीन से चार साल में बांस की फसल तैयार हो जाती है। बांस के पौधे की कटाई अक्टूबर से दिसंबर तक की जा सकती है। केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश सरकार के अलावा देश में बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2006-07 में राष्ट्रीय बांस मिशन भी शुरू किया था।