मंगलुरु के हॉस्टल में मचा हड़कंप ,फूड पॉइजनिंग से अस्पताल में भर्ती कराए गए 137 छात्र, कर्नाटक के मंगलुरु में एक निजी हॉस्टल में आधी रात को उस वक़्त हड़कंप मच गया जब वहाँ रहे छात्रों ने अचानक पेट में दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायत करने लगे। पैरामेडिकल के 137 छात्र कथित रूप से रात में फूड पॉइजनिंग के कारण बीमार पड़ गए. उन्हें सोमवार रात को अस्पतालों में भर्ती कराया गया. नगर पुलिस आयुक्त एन. शशि कुमार ने कहा कि छात्रों को शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. कुछ छात्रों की हालत गंभीर बताई जा रही है.
आपको बता दें की मंगलुरु के शक्तिनगर इलाके में एक निजी नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज के लगभग 137 छात्रों को कल शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया था,कथित तौर पर उनके छात्रावास के मेस में खाना खाने के बाद जहर खाने की शिकायत की गई थी. जानकारी के मुताबिक खाने के बाद छात्रों की तबियत बिगड़ने लगी थी.उन्हें सोमवार रात को अस्पतालों में भर्ती कराया गया. माता-पिता ने हॉस्टल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
अस्पतालों के बाहर भीड़ जमा रही

नगर पुलिस आयुक्त एन शशि कुमार ने कहा कि पुलिस घटना के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘9 बजे लगभग 400-500 लोग शहर के सिटी अस्पताल के सामने एकत्र हुए। उनमें से अधिकांश छात्र हैं और बाकी उनके परिवार के सदस्य हैं। सुबह 2 बजे से 100 से अधिक छात्राओं ने फूड प्वाइजनिंग की शिकायत की है और अस्पताल में भर्ती हैं। 137 छात्रों को शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। हम इसका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे बीमार क्यों पड़े?
इन अस्पतालों में भर्ती है छात्र

इस पूरी घटना पर जिला स्वास्थ्य निरीक्षक डॉ. अशोक का कहना है, “घबराने की जरूरत नहीं है. हम हॉस्टल जाएंगे, वार्डन से बातचीत करेंगे और सब कुछ पता करेंगे… सभी छात्र खतरे से बाहर हैं.” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 52 छात्रों का इलाज एजे अस्पताल में चल रहा है, 18 केएमसी ज्योति में भर्ती हैं, 14 को यूनिटी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, 8 सिटी हॉस्पिटल, तीन मंगला और 2 को एफआर अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
जिला स्वास्थ्य निरीक्षक का बयान ‘चिंता की कोई बात नहीं है’

जिला निगरानी अधिकारी डॉ. जगदीश ने कहा कि छात्रों के पेट में दर्द और दस्त हो गए थे. डॉक्टरों की एक टीम ने सुबह घटनास्थल का दौरा किया था और कहा था कि चिंता की कोई बात नहीं है.घटना की जानकारी देते हुए जिला स्वास्थ्य निरीक्षक डॉ. अशोक ने बताया कि सभी छात्र खतरे से बाहर हैं। हालांकि कुछ को ऑब्जर्वेशन पर रखा गया है। छात्र घबरा गए हैं। लगभग 130 छात्रों का इलाज हो चुका है। चिंता या घबराने की कोई जरूरत नहीं है। हम छात्रावास का दौरा करेंगे और उनसे बातचीत करेंगे। वार्डन से पूछताछ की जा रही है.
जिला स्वास्थ्य निरीक्षक डॉ. अशोक ने बताया, ‘फूड प्वाइजनिंग के चलते उन्हें भर्ती कराया गया है. डरने या घबराने की जरूरत नहीं है. हम हॉस्टल जाएंगे, वार्डन से बातचीत करेंगे और सब कुछ पता करेंगे. सभी छात्र खतरे से बाहर हैं. कोई हताहत नहीं हुआ है.”
परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

माता-पिता और रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि उन्हें अपने छात्रों की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में सूचित नहीं किया गया. साथ ही छात्रों को इलाज के लिए अन्य निजी अस्पतालों में स्थानांतरित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि फूड पॉइजनिंग के सही कारण का अभी पता नहीं चल पाया है.अस्पताल के बाहर जमा हुए छात्रों के परिजनों को संदेह है कि दूषित पानी के कारण ही बच्चों को फूड पॉइजनिंग हुई।
पुलिस मामले की जांच में जुटी

मंगलुरु पुलिस कमिश्नर ने कहा, ‘हमें पता चला कि दोपहर 2 बजे से लगभग 137 छात्रों ने फूड प्वाइजनिंग, पेट दर्द, लूज मोशन, उल्टी की शिकायत की और उन्हें सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. करीब 137 छात्रों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया. हम इसका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.’
पुलिस आयुक्त एन शशि कुमार ने कहा कि छात्रों को उनके परिवार के सदस्यों के अनुरोध के बाद शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. सोमवार को दोपहर 2 बजे से छात्रों के पेट में दर्द और डायरिया की शिकायत हुई.एन शशि कुमार ने कहा कि पुलिस घटना के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है. “लगभग 9 बजे, लगभग 400-500 लोग शहर के सिटी अस्पताल के सामने एकत्र हुए. इनमें ज्यादातर छात्र हैं और बाकी उनके परिवार के सदस्य हैं. सुबह 2 बजे से 100 से अधिक छात्राओं ने फूड प्वाइजनिंग की शिकायत की और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. 137 छात्रों को शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया.”