Sunday, June 11, 2023
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कथावाचक अनिरुद्धाचार्य विराजमान हुए जेल अधीक्षक की कुर्सी पर, क्या हुआ है शासकीय नियमों का उल्लंघन ?

कथावाचक अनिरुद्धाचार्य विराजमान हुए जेल अधीक्षक की कुर्सी पर, क्या हुआ है शासकीय नियमों का उल्लंघन? राजधानी भोपाल में 9 अप्रैल को प्रसिद्द कथावाचक अनिरुद्धाचार्य पहुंचे। भोपाल की सेंट्रल जेल में अनिरुद्धाचार्य आध्यामिक प्रवचन देने के लिए गए थे। जेल अधीक्षक राकेश भांगरे द्वारा उन्हें अमनत्रित किया गया था लेकिन इससे ज्यादा एक घटना चर्चा का विषय बनी हुई है. दरअसल अनिरुद्धाचार्य की एक तस्वीर वायरल हो गई है जिसमे वे जेल अधीक्षक की कुर्सी पर विराजमान नज़र आ रहे है। लोगो द्वारा यह सवाल खड़ा किया जा रहा है की क्या यह शासकीय नियमों के विरुद्ध नहीं है ? क्या अनिरुद्धाचार्य शासकीय नियमों का उल्लंघन कर दिया है ?

अनिरुद्धाचार्य बीते कुछ दिनों से काफी ज्यादा चर्चा में बने हुए हैं। दरअसल उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई थी और कहा गया था कि वह जल्द एक करोड रुपए दे दे वरना उन्हें बम से उड़ा दिया जाएगा। इसके बाद भी वह डरे नहीं और रोजाना अपनी कथा करते हुए नजर आए। इसी बीच उनका सोशल मीडिया पर एक फोटो तेजी से वायरल हो रहा है। शासकीय कुर्सी पर बैठे नजर आ रहे कथावाचक अनिरुद्धाचार्य का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं।

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जेल अधीक्षक की कुर्सी पर विराजे कथावाचक

दरअसल 9 अप्रैल के दिन अनिरुद्धाचार्य सेंट्रल जेल में आध्यामिक प्रवचन देने के लिए गए थे। ऐसे में वह जेल अधीक्षक राकेश भांगरे के कक्ष में भी पहुंचे थे। वही जेल अधीक्षक राकेश भांगरे उन्‍हें अपना सबसे बड़ा गुरु मानते हैं और उन्‍हीं के आग्रह पर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य इंदौर से आकर भोपाल सेंट्रल पहुंचे थे। जहां जा कर उन्होंने ने बंदियों केअलावा जेल के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी उनके प्रवचन सुने। जेल अधीक्षक के आग्रह पर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य उनके कक्ष में भी गए और वहां पहुंचकर उन्होंने जेल अधीक्षक के निवेदन पर उनकी कुर्सी पर जाकर बैठ गए उसी समय इसी किसी ने उनकी यह तस्‍वीर ली, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

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शासकीय नियम क्या कहता है और क्या अनिरुद्धाचार्य ने किया नियमों का उल्लंघन?

शासकीय नियमानुसार किसी भी शासकीय अधिकारी की कुर्सी पर विभागीय या अन्‍य विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारी ही बैठ सकता है। इस तरह शासकीय अधिकारी के सामने उस अधिकारी की कुर्सी पर अशासकीय व्यक्ति का बैठना कितना उचित है या अनुसचित ये चर्चा का विषय बन गया है। वही अब लोग सोशल मीडिया पर उनके इस कृत्‍य को शासकीय नियमों के विरुद्ध बताते हुए तरह-तरह की बाते कर रहे हैं। हालांकि कुछ लोग जेल अधीक्षक की अपने गुरु के प्रति निष्ठा को लेकर पाॅजिटिव कमेंट भी दे रहे हैं. अब यह चर्चा का विषय बन गया है की क्या अनिरुद्धाचार्य द्वारा शासकीय नियमों का उल्लंघन किया गया है ?

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