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गह सोधान की सोयाबीन लगाएं, बंपर उत्पादन से किसान होंगे समृद्ध :

किस्मों का चयन :

बंपर उत्पादन :

इस दौर में अगर किसान धान की खेती छोड़कर सोयाबीन की फसल लगाएंगे तो बंपर फसल से न सिर्फ उन्हें धन की प्राप्ति होगी, बल्कि लगातार घटते भूजल को बचाने में भी मदद मिलेगी. सोयाबीन की फसल के संदर्भ में पिछले दो साल में जो नया शोध सामने आया है। इसके तहत अगर राज्य में सोयाबीन की खेती की जाती है तो यह किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा और लगातार घटते भूजल को भी बचाएगा. इसके लिए हरियाणा की जलवायु और मिट्टी सबसे ज्यादा मददगार होगी।

शोध से पता चला है कि सोयाबीन के बंपर उत्पादन के लिए हरियाणा की जलवायु बहुत उपयुक्त है। इस जलवायु में यदि कृषिविदों की देखरेख में सोयाबीन की खेती की जाती है, तो किसान इस फसल उत्पादन के लिए अग्रणी राज्यों की तुलना में दोगुना उत्पादन कर सकते हैं। साथ ही इसमें पानी बहुत कम लगेगा। बता दें कि सोयाबीन उत्पादन में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्नाटक राज्य अग्रणी हैं।

केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान और अंतर्राष्ट्रीय गेहूं और मक्का सुधार केंद्र, मैक्सिको के जलवायु परिवर्तन कृषि और खाद्य सुरक्षा परियोजना (सीआईएमआईटी) के संयुक्त तत्वावधान में करनाल जिले में सोयाबीन की फसल का दो साल तक परीक्षण किया गया।

सीएसएसआरआई के निदेशक डॉ. पीसी शर्मा और सीआईएमआईटी के प्रधान वैज्ञानिक एमएल जाट ने कहा कि सोयाबीन की खेती मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में की जाती है। जिससे पैदावार कम होती है। हरियाणा पंजाब में सिंचाई के अच्छे स्रोत हैं, इसलिए उत्पादन अच्छा रहता है। हरियाणा में इस फसल के लिए केवल दो से तीन सिंचाई ही पर्याप्त होती है।

किस्मों का चयन :

बुवाई जून के प्रथम सप्ताह से अंतिम सप्ताह तक करें। पानी के रुके हुए खेतों में क्यारी बनाकर बुवाई करें। बीज की मात्रा 25 से 30 किलो प्रति एकड़ होनी चाहिए। बीज की गहराई 2.5 से 5 सेमी, पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 4 से 5 सेमी रखें। बेड प्लांटर मशीन का प्रयोग करें। SL-958, SL-744, SL-525, RVS-202-4 और MACS-1407 किस्मों को लगाया जा सकता है।

उर्वरक एवं खरपतवार नियंत्रण :

बुवाई के समय एक बैग प्रति एकड़ डीएपी डालें। खरपतवार नियंत्रण के लिए 600 मिलीलीटर स्टॉम्प 30 ईसी (पेंडामेथलिन) की बुवाई के दो दिन के भीतर स्प्रे करें। दूसरा छिड़काव बिजाई के 20 से 25 दिन बाद 300 से 400 ग्राम परसुट/वीडब्लॉक/पेरेमेज 10 मिली (इमाजाथिपर) को 140 से 200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें।

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