कभी रामायण की ‘सीता’ दीपिका ने फिल्मो में दिए बोल्ड सीन , लोगों ने किया था विरोध , एक्ट्रेस का छलका दर्द

कभी रामायण की ‘सीता’ दीपिका ने फिल्मो में दिए बोल्ड सीन , लोगों ने किया था विरोध , एक्ट्रेस का छलका दर्द, जब ‘रामायण’ सीरियल का दूरदर्शन पर प्रसारण शुरू हुआ तब लोग उसे मनोरंजन नहीं बल्कि धार्मिक दृष्टि से देखते थे। यही नहीं रामायण के किरदारों को असल ज़िन्दगी में भी भगवान के जैसा सम्मान मिलता था।आपको बता दें कि दीपिका चिखलिया (Dipika Chikhlia)ने टीवी के फेमस धार्मिक धारावाहिक ‘रामायण’ में माता सीता का रोल निभाने के साथ साथ कई फिल्मों के साथ साथ सीलियल्स में भी काम किया था. हालांकि आपको जानकर हैरानी होगी कि वह बी ग्रेड फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं. हालांकि दीपिका ने जब सीता का करिदार निभाया तो वो इतिहास के पन्नों के दर्ज हो गया. इस किरदार से दीपिका चिखलिया को काफी पहचान मिली थी. 58 साल की दीपिका चिखलिया ज्यादातर लोग सीता के नाम से ही जानते हैं.
हाल ही में भगवान राम के किरदार पर बनी फिल्म ‘आदिपुरुष’ को लेकर कई विवाद खड़े हुए. खास तौर पर इसके डायलॉग को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें की जा रही हैं, लेकिन एक समय ऐसा था, जब भगवान राम के चरित्र पर बना सीरियल ‘रामायण’ के राम-लक्ष्मण-सीता को लोग वास्तव में भगवान की तरह देखने लगे थे. रामानंद सागर की रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल और सीता बनीं दीपिका चिखलिया के लोग रियल लाइफ में भी पैर छूने लगे थे. लेकिन क्या आप जानते हैं ‘रामायण’ की ‘सीता’ के लिए यहां तक की जर्नी आसान नहीं थी. क्या आप जानते हैं कि दीपिका फिल्मों के साथ साथ सीलियल्स में भी काम कर चुकी हैं और शायद ही आप जानते होंगे कि उन्होंने बी ग्रेड फिल्मों में भी काम किया.
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‘सुन मेरी लैला’ से किया डेब्यू

दीपिका को एक बाल कलाकार के रूप में सीरियल में काम करने का मौका मिला, लेकिन इनकी पढ़ाई डिस्टर्ब ना हो इसे देखते हुए इनके परिवार ने इस अवसर को ठुकरा दिया. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की. साल 1983 में आई राजश्री बैनर की फिल्म ‘सुन मेरी लैला’ से डेब्यू की. हालांकि, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हो सकी. इसके बाद इन्होंने कई फिल्मों में काम किया जैसे ‘पत्थर’, ‘भगवान दादा’ और ‘घर संसार’. लेकिन इन्हें इसके बाद भी सफलता नहीं मिल सकी.
क्यों किया हॉरर और बी ग्रेड फिल्मों में काम

लगातार फिल्में फ्लॉप होने के चलते अब इनको बॉलीवुड में काम मिलना ही मुश्किल हो गया था. इस दौरान इन्होंने छोटे पर्दे पर भी कुछ टीवी सीरियल्स में काम किया जिनमें ‘पेइंग गेस्ट’ और ‘विक्रम बेताल’ प्रमुख हैं. दरअसल, इस समय बॉलीवुड में कंपटीशन का दौर चरम पर था और जयाप्रदा, शबाना आजमी, श्रीदेवी, पद्मिनी कोल्हापुरे और रेखा जैसी हीरोइन का करियर अपने चरम पर था. दीपिका का कोई फिल्मी बैकग्राउंड नहीं था. ऐसे में इन्हें फिल्में मिलनी मुश्किल हो रही थी तो इन्होंने हॉरर और बी ग्रेड फिल्मों की ओर रुख कर लिया.
एक्टिंग, संजीदगी और सादगी से जीता दिल

इस किरदार खूब विरोध भी हुआ था, क्योंकि वह कई बी ग्रेड फिल्मों में इंटीमेट सींस कर चुकी थीं. ऐसे में कई लोग उन्हें रामायण की सीता के लिए स्वीकार नहीं करना चाहते थे, लेकिन अच्छी बात यह रही कि ये विरोध सीमित रहा. क्योंकि ज्यादातर लोगों को ही जानकारी ही नहीं थी कि यह पहले फिल्मों में काम कर चुकी हैं. फिर उन्होंने अपनी एक्टिंग, संजीदगी और सादगी भरे काम से ऐसा प्रदर्शन किया कि लोगों ने उन्हें माता सीता घोषित कर दिया.
जब देवी बन गई दीपिका

साल 1987 में छोटे पर्दे पर एक सीरियल आया, जिसका नाम था ‘रामायण’. इस रामायण को रामानंद सागर ने बनाया और इसके किरदारों ने गजब का सम्मान हासिल किया, लेकिन जिन दो कलाकरों की इससे जिंदगी ही बन गईं, वो थे राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल और सीता बनीं दीपिका चिखलिया. दीपिका चिखलिया एक ऐसी एक्ट्रेस हैं, जिन्होंने महज एक सीरियल से भारत में देवी का दर्जा प्राप्त कर लिया और हजारों की संख्या में लोग इनके घर के बाहर इनकी एक झलक पाने को बेताब दिखाई देने लगे.