कैसे करे करेला और तोरई की खेती के जाने एक किसान से

करेला और तोरई की खेती खुर्जा क्षेत्र के मोहल्ला खवेश ज्ञान निवासी किसान महेश चंद्र नई तकनीक से तोरई और करेला की खेती कर रहे हैं। इससे उन्हें अच्छा लाभ मिल रहा है। साथ ही फसल को कीड़े से भी बचा रहे हैं।
महेश चंद्र बताते हैं कि वह कुछ माह पूर्व पंजाब गए थे। जहां पर उन्होंने सब्जी उगाने का नया तरीका देखा। पंजाब के किसान उस तकनीक का प्रयोग कर फसल का अच्छा लाभ ले रहे थे। जिसके बाद उन्होंने पंजाब की तकनीक को मोहल्ला मुरारीनगर चोचंदा में स्थित अपने खेतों में प्रयोग किया। इस तकनीक के तहत उन्होंने करेला और तोरई के बीजों की खेतों में बुआई की, जिसके बाद एक बड़ी पन्नी से बीज को ढ़क दिया। पन्नी को बीज के स्थान से हल्का काट दिया जाता है। साथ ही पन्नी में अंदर पानी की पाइप लाइन फिटिंग की जाती है, जिससे फसल को अंदर ही पानी मिल सके।
कीड़े से होता बचाव
हवा में उड़ने वाले कीड़े फसलों के ऊपर लगी पन्नी के चलते नहीं आते। जिससे फसल को कीड़े से बचाया जा सकता है। जिससे फसल अच्छी होती है। अच्छी फसल होने से उसकी कीमत भी अच्छी मिलती है। महेश चंद्र ने अपनी फसल में तकनीक का प्रयोग करने के बाद अन्य किसानों से भी इसका प्रयोग करने की सलाह दी है।
फसल को पर्याप्त मिलती है गर्मी
महेश चंद्र बताते हैं कि तोरई और करेला की फसल के लिए पर्याप्त गर्मी की जरुरत होती है। पन्नी की तकनीक का प्रयोग कर फसल को अच्छी गर्मी मिलती है। साथ ही मिट्टी से निकलने वाली आवश्यक गैस पन्नी होने से बाहर नहीं निकलकर फसलों में ही लगती है। जिसके चलते अच्छी फसल होती है।
पाइप लाइन के जरिए मिलता फसल को पानी, नहीं होता वेस्ट
फसल को पन्नी से ढककर तकनीक का प्रयोग करने से अच्छी फसल मिलती है। इसमें पानी लगाने के लिए खेत में पाइप लाइन की फिटिंग की जाती है। यह फिटिंग अंडर ग्राउंड रहती है। जिससे बीज और फसल की जड़ तक अच्छी तरह पानी लग सकता है। साथ ही पानी वेस्ट भी नहीं होता।