जम्मू-कश्मीर के डोडा में जमीन धंसने से 21 घरों में दरारें आईं, खाली कराए गए घर

जम्मू-कश्मीर के डोडा में जमीन धंसने से 21 घरों में दरारें आईं, खाली कराए गए घर, आज उत्तराखंड के जोशी मठ जैसी आपदा की ख़बर जम्मू-कश्मीर से आई है। जानकारी मिली है कि जम्मू के डोडा में जमीन धंसने से 21 घरों में दरारें आ गई हैं। सूचना मिलने पर पहुंचे थथरी के SDM ने बताया कि आपदा पीड़ितों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है। घटना के कारणों की जांच के लिए जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम पहुंच गई है।नई बस्ती गांव के कुछ घरों में कुछ दिन पहले दरारें आनी शुरू हो गई थीं, लेकिन बृहपतिवार को भूस्खलन से स्थिति और खराब हो गई, जिससे प्रभावित घरों की संख्या 21 तक पहुंच गई।
उप जिलाधिकारी (थाथरी) अतहर अमीन जरगर ने कहा कि घरों के असुरक्षित होने के बाद हमने 19 प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया है। हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल का दौरा किया और प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।हालांकि, जरगर ने इस मामले की तुलना उत्तराखंड के जोशीमठ की स्थिति के साथ करने से इंकार कर दिया, जो भूधंसाव के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है।डोडा के जिलाधिकारी अतहर अमीन ने बताया कि जिले में दिसंबर में कुछ घरों में दरारों की सूचना मिली थी। गुरुवार तक छह और इमारतों में दरारें आ गई हैं। ये बढ़ती जा रही हैं। सरकार को इसकी जानकारी दे दी गई है। क्षेत्र दरक रहा है।
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रहवासियों में दहशत का माहौल

घटना से प्रभावित जाहिदा बेगम ने कहा कि वह 15 साल से गांव में रह रही हैं और घरों में दरारें देखकर हैरान हैं। प्रभावित परिवारों के उचित पुनर्वास की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि गांव में 50 से अधिक परिवारों में घबराहट है। बृहस्पतिवार के भूस्खलन के बाद अधिकांश घरों में दरारें आ गईं।उत्तराखंड के जोशीमठ में पिछले दिनों कई इलाकों में दरारें पढ़ने की समस्या देखी गई थी अब इसी तरह की खबरें जम्मू कश्मीर के डोडा जिले से आ रही हैं. डोडा में दरार पड़ने और भूस्खलन से करीब 21 संरचनाएं प्रभावित हुई हैं जिसके कारण लोगों में दहशत का माहौल है.बता दें कि दरारें पढ़ने की ख़बर मिलते ही डोडा प्रशासन और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की एक टीम उस स्थान पर पहुंची जहां 21 संरचनाएं धंसने की सूचना मिली थी.
उत्तराखंड के जोशीमठ में 849 घरों में दरारें

इससे पहले उत्तराखंड के जोशी मठ में 849 घरों में दरारें देखी गईं। इनमें से 155 निजी भवन और 10 व्यापारिक प्रतिष्ठानों को पूरी तरह से असुरक्षित माना गया है। इस कारण अभी तक इनमें रहने वाले 237 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित कर दिया गया है।गौरतलब है कि हाल ही में, उत्तराखंड स्थित जोशीमठ के घरों में भी इसी दरारें आ गईं थी. तब उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ के सभी नौ नगरपालिका वार्डों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत ‘भूस्खलन-अवतलन क्षेत्र’ घोषित कर दिया और इन क्षेत्रों से लोगों को शिफ्ट कर दिया गया था.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का बयान

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि प्रभावित घरों को खाली करा लिया गया है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘प्रभावित घरों को खाली करा लिया गया है. हाईप क्रिएट करने की जरूरत नहीं है. सरकार और प्रशासन मामले पर नजर बनाए हुए है. वैज्ञानिकों के सुझावों के साथ सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन किया जाएगा.’इससे पहले एसडीएम अतहर अमीन जरगर ने जानकारी देते हुए कहा था, ’21 संरचनाएं कल प्रभावित हुईं. प्रभाव क्षेत्र उसी तक सीमित है, जैसा कि शानिवार सुबह देखा गया.’उन्होंने आगे बताया, ‘उपायुक्त डोडा और उनके वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से स्थिति की निगरानी की जा रही है. स्थिति अभी नियंत्रण में और सरकार ने भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की एक टीम भेजी और वे अपना अध्ययन कर रहे हैं. वे अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे साथ ही लोगों ने भी इलाका खाली कर दिया है.’
प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर कहा
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी शुक्रवार को कहा था कि एक भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण टीम जम्मू-कश्मीर के डोडा में घरों में दरार पड़ने की वजह का पता लगाएगी.सिंह ने सोशल मीडिया पर यह भी बताया कि घाटी में प्रभावित घरों के निवासियों के लिए एक राहत शिविर बनाया गया है.उन्होंने लिखा, ‘मैं डीसी डोडा, श्री विशेष महाजन के संपर्क में हूं. प्रभावित घरों के निवासियों के लिए एक राहत शिविर बनाया गया है. इस बीच, अंतर्निहित प्रेरक कारकों का अध्ययन करने के लिए एक भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण दल पहले से ही प्रभावित स्थान पर पहुंच चुका है.’
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अतहर अमीन जरगर का बयान

डोडा के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अतहर अमीन जरगर के मुताबिक, पिछले साल दिसंबर में एक घर में दरारें दिखनी शुरू हुई थीं और अब ये बढ़नी शुरू हो गई हैं.उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन स्थिति का आकलन करने के लिए एक टीम गठित करने का काम कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘शुरुआती आकलन कल रात किया गया था और नेशनल हाईवे के भूवैज्ञानिक भी रात और सुबह यहां आए थे. वे आज शाम तक अपनी आकलन रिपोर्ट सौंप देंगे.जरगर ने कहा कि नई बस्ती की स्थिति की भूधंसाव प्रभावित जोशीमठ से तुलना करना अतिशयोक्ति होगी। हमें भूस्खलन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है और चिनाब घाटी बिजली परियोजनाओं के भू-वैज्ञानिकों और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पहले ही साइट का निरीक्षण कर लिया है।