इस झाड़ीनुमा पौधे की खेती आपको कर देगी मालामाल, एक बार लगाने पर 30 सालों तक देगी बम्पर उत्पादन, जाने खेती का तरीका

Henna Cultivation: इस झाड़ीनुमा पौधे की खेती आपको कर देगी मालामाल, एक बार लगाने पर 30 सालों तक देगी बम्पर उत्पादन, जाने खेती का तरीका,भारत में खेती करने वाले किसानों का भी मुनाफा भी बढ़ता जा रहा है, क्योंकि देश के साथ-साथ दुनियाभर में मेंहदी की डिमांड बनी हुई है. अभी भी इसकी खेती करके किसान काफी अच्छी आमदनी ले सकते है, यह सुंदरता निखारने वाला कॉस्मेटिक तो है ही, साथ ही इसके अपने औषधीय महत्व है. आइये जानते है इसकी खेती के बारे में। …

देश के इन राज्यों के किसान कर रहे मेंहदी की खेती

आपको जानकारी के लिए बता दे की भारत में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ के किसान बड़े पैमाने पर मेंहदी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे है, इसकी खेती के लिए इन राज्यों की मिटटी और जलवायु काफी बेहतर होती है, हालांकि अभी भारत के कुल मेंहदी उत्पादन का 90% अकेले राजस्थान में ही उगाया जा रहा है.

यह भी पढ़े: मार्केट में भौकाल मचाने Samsung ला रहा धाकड़ स्मार्टफोन, तगड़ी बैटरी और लाजवाब कैमरा देख दीवानी हुयी लड़किया

मेंहदी की खेती के लिए उपयुक्त मिटटी

मेंहदी की खेती के लिए उपयुक्त मिटटी की बात करे तो यह कंकरीली, पथरीली, हल्की एवं भारी, लवणीय एवं क्षारीय मिट्टियों में भी मेंहदी खेती की जा सकती है, हालांकि इससे अच्छा उत्पादन लेने के लिये 7.5 से 8.5 पीएच मान वाली बलुई मिटटी काफी फायदेमद होती है,बल्कि कम पानी वाले इलाके, सूखाग्रस्त इलाके और कम उपजाऊ भूमि में आप इसका बेहतर उत्पादन लेकर अधिक मुनाफा कमा सकते है।

एक बार लगाने पर 30 साल तक देंगे उत्पादन

दोस्तों अगर आप एक बार मेंहदी के पौधों की रोपाई करते है तो आप इसकी खेती से अगले 20 से 30 साल तक बम्पर उत्पादन ले सकते है, जिनसे हर साल 15 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक सूखी पत्तियों का उत्पादन ले सकते, जिससे आपको अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है।

यह भी पढ़े: Maruti Ertiga का नया अवतार मचाएगा तहलका, धांसू लुक और अपडेटेड फीचर्स से करेगी Innova का सूफड़ा साफ

अधिक पैदावार के लिए करे जैविक खाद का प्रयोग

अगर आप भी एभडी की खेती से अधिक पैदावार हासिल करना चाहते है श खेतो की जुताई करते समय आप 5 से 8 टन सड़ी गोबर खाद, 60 किग्रा नाइट्रोजन और 40 किग्रा. फास्फोरस का प्रति हेक्टर की दर से इस्तेमाल कर सकते हैं. किसान चाहें तो मेंहदी की अच्छी पैदावार के लिये जीवामृत, वर्मीकंपोस्ट, नीम-गौमूत्र कीटनाशक पर आधारित जैविक खेती भी कर सकते हैं.

You may have missed