इस चीज़ की वज़ह से महिलाएँ नहीं होती कभी गंजी , पुरुषो में ही गंजापन क्यों , जानिए इसकी वज़ह

इस चीज़ की वजह से महिलाएँ नहीं होती कभी गंजी , पुरुषो में ही गंजापन क्यों , जानिए इसकी वज़ह, जानिए इसकी वज़ह, बाल झड़ने और गिरने की समस्या आजकल आम बात हो गई है , महिला हो या पुरुष सभी को हेयरफाल की समस्या होती है और आजकल इसमें इजाफा हो गया है। आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि महिलाओं को कितना भी हेयरफाल हो वह कभी गंजी नहीं होती। वंही दूसरी तरफ पुरुषो में देखा गया है की चाहे कितने घने बाल हो एक उम्र के बाद वो गंजे होने लगते है।
दुनियाभर के सारे जीवों में सिर्फ मनुष्य ही ऐसा है जो गंजेपन का शिकार होता है। मनुष्यों में भी ऐसा सिर्फ पुरुषों के साथ होता है। यह भी कहा जाता है कि बालों के झड़ने में तनाव एक बड़ी भूमिका निभाता है और पत्नियां तनाव पैदा करने में अगर गंजेपन का मजाकिया विश्लेषण किया जाए तो इसका इकलौता कारण पत्नियां समझी जा सकती हैं। हालांकि इस बात को ज्यादा गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि गंजापन समाजविज्ञान या मनोविज्ञान के बजाय जीवविज्ञान के विश्लेषण का विषय है। पुरुषों में, एक उम्र के बाद बालों का झड़ना होना शुरू हो जाता है और उनके सिर पर गंजेपन की समस्या बढ़ती है. लेकिन महिलाओं में ऐसा नहीं होता. आइए इसकी वजह जानते हैं.
यह भी पढ़े :इस बार आलता की इन डिजाइनों को करे ट्राई , राधा रानी की तरह लगेंगे बेहद सुन्दर
महिलाओं में नहीं होता गंजापन

महिलाओं में भी पोषण की कमी और तनाव के कारण बालों का झड़ना हो सकता है. यह समस्या उम्र के साथ बढ़ सकती है और महिलाओं के बाल पतले हो सकते हैं. फिर भी, इसकी संभावना बहुत कम है कि वे पूरी तरह से अपने सिर के बालों को खो दें. वहीं, पुरुषों में यह समस्या काफी आम है. आपने देखा होगा कि उम्र के साथ पुरुषों के बाल उड़ते जाते हैं. पोषण की कमी या तनाव के चलते महिलाओं में भी सिर के बाल झड़ने की समस्या हो सकती है। उम्र के असर के चलते महिलाओं के साथ यह हो सकता है कि उनके सिर पर बाल कम हो जाएं या अपेक्षाकृत पतले हो जाएं। फिर भी इस बात की बेहद कम संभावना होती है कि वे पूरी तरह चिकने सिर नजर आएंगी।
पुरुषों में एक उम्र के बाद गंजापन आ जाता है

पुरुषों में, एक उम्र के बाद बालों का झड़ना होना शुरू हो जाता है और उनके सिर पर गंजेपन की समस्या बढ़ती है. यह समस्या तेजी से बढ़ती है और कई लोगों में तो 30 साल की उम्र में ही गंजापन दिखाई देने लगता है. पुरुषों का जिक्र आने पर मामला उल्टा हो जाता है। एक उम्र के बाद न सिर्फ पुरुषों के बाल कम होने शुरू हो जाते हैं बल्कि पचास का आंकड़ा पार करते-करते सिर पर ‘चांद’ दिखाई देना शुरू हो जाता है और कई लोगों के तो 30 की उम्र में ही चांद नजर आने लगता है।
दुर्भाग्यवश, कुछ लोगों को बहुत कम उम्र में ही गंजेपन की समस्या हो जाती है. इसका कारण उन्हें विरासत में मिलने वाले एंजाइम और उनकी त्वचा के विभिन्न प्रकार का होना हो सकता है. कुछ लोगों में यह एंजाइम्स की अधिकता के लिए प्रभावी रहती है. यही कारण है कि कुछ लोगों को यह समस्या विरासत में मिलती है.
हार्मोन है वजह

शरीर पर बालों का उगना भी हार्मोनल बदलावों के कारण होता है और शरीर से बालों के चले जाने की वजह भी हार्मोंस में बदलाव होती है। गंजेपन पर रिसर्च कर रहे नॉर्वे की बर्गेन यूनिवर्सिटी के जीवविज्ञानी पेर जैकबसन इसके लिए टेस्टोस्टेरॉन नाम के यौन हॉर्मोन को जिम्मेदार ठहराते हैं। ये पुरुषों में स्रावित होने वाले एंड्रोजन समूह का स्टेरॉयड हार्मोन है। दरअसल, पुरुषों में बालों के उगने और गिरने का कारण हार्मोनों में बदलाव होता है. गंजेपन के बारे में अध्ययन करने वाले नॉर्वे की बर्गेन यूनिवर्सिटी के जीवविज्ञानी पेर जैकबसन के अनुसार, इसमें टेस्टोस्टेरॉन नामक यौन हॉर्मोन का महत्वपूर्ण योगदान होता है. यह हॉर्मोन पुरुषों में पाए जाने वाले एंड्रोजन समूह का हिस्सा है.
महिलाओं में इसलिए नही होती यह समस्या

महिलाओं में, टेस्टोस्टेरॉन की मात्रा कम होती है और इसके साथ-साथ एस्ट्रोजन नामक हार्मोन का स्राव भी होता है. इसलिए, महिलाओं में टेस्टोस्टेरॉन के डिहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन में बदलाव की प्रक्रिया कम होती है. कभी-कभी गर्भावस्था या मेनोपॉज़ के दौरान यह प्रक्रिया तेज हो सकती है और इस समय महिलाओं के बालों का झड़ना शुरू हो सकता है.