जानिए फूलगोभी की बुवाई का सही समय और इन बातों का रखें ध्यान:-
फूलगोभी एक लोकप्रिय सब्जी है। भारत में खेती के तहत इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 3000 हेक्टेयर है, जो लगभग 6,85,000 टन उत्पादन करता है। इसका उत्पादन उत्तर प्रदेश और अन्य ठंडे स्थानों में बड़े पैमाने पर होता है। वर्तमान में यह हर जगह उगाया जाता है। फूलगोभी की खेती साल भर की जाती है और फूलगोभी भारत की शीतकालीन गोभी श्रेणी में एक प्रमुख सब्जी है। इसकी खेती मुख्य रूप से अविकसित गाँठ वाले फूलों के गुच्छों के उत्पादन के लिए की जाती है।
अब कई उन्नत किस्में उगाई जा रही हैं, जिनमें नारंगी और बैंगनी रंग की फूलगोभी भी पैदा की जा रही है। फूलगोभी :-
फूलगोभी आमतौर पर सफेद रंग में पाई जाती है, लेकिन अब कई उन्नत किस्में उगाई जा रही हैं, जिनमें नारंगी और बैंगनी रंग की फूलगोभी भी पैदा की जा रही है। फूलगोभी का उपयोग मुख्य रूप से सब्जी के रूप में किया जाता है, इसके अलावा इसका उपयोग अचार, सलाद, सूप और पकोड़े बनाने में भी किया जाता है। फूलगोभी में प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन ‘ए’, ‘सी’ और निकोटिनिक एसिड जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो मानव शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। फूलगोभी का सेवन करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव के लिए भी इसे फायदेमंद माना जाता है। इसकी खेती से किसान भाइयों को अधिक से अधिक लाभ मिल सकता है। ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको फूलगोभी की खेती से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है.
फूलगोभी की उन्नत किस्में इसकी उत्त्पति स्थान साइप्रस या इटली का भूमध्यसागरीय क्षेत्र माना जाता है। मौसम के आधार अगेती, मध्यम और पछेती खेती के लिए वर्तमान समय में फूलगोभी की कई उन्नत किस्म बाजारों में उपलब्ध है।
- अगेती किस्में – अर्ली, कुंआरी, पूसा कातिकी, पूसा दीपाली, समर किंग
- पछेती – पूसा स्नोबाल-1, पूसा स्नोबाल-2, पूसा स्नोबाल-16
- मध्यम किस्में – पंत सुभ्रा, पूसा सुभ्रा, पूसा सिन्थेटिक, पूसा अगहनी, पूसा स्नोबाल
खेती के लिए उपयुक्त भूमि :-साधारण फूलगोभी की खेती अच्छी जीवाश्म वाली उपजाऊ विभिन्न प्रकार की भूमियों में की जा सकती है, लेकिन फूलगोभी की अगेती किस्म की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी वाली भूमि उपयुक्त होती है। इसके अतिरिक्त भूमि भी अच्छी जल निकासी वाली होनी चाहिए जिसमें जलभराव की समस्या न हो, तथा उत्तम जीवाश्म वाली मिट्टी हो। जिसका पी.एच मान 5.5 से 6.8 के मध्य होना चाहिए। तथा पिछेती किस्म की खेती के लिए दोमट या चिकनी मिट्टी उपयुक्त होती है। इस किस्म की खेत के लिए भी अच्छे जीवांश वाली उपजाऊ एवं अच्छी जल निकासी वाली होनी चाहिए। इसकी खेती के लिए भूमि का पी.एच मान 5.5 से 7 के माध्य होना चाहिए।
फूलगोभी की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु एवं तापमान :-फूलगोभी की सफल खेती के लिए ठंडी और आर्द्र जलवायु सर्वोत्तम होता है। इसे ठंडी और नम जलवायु में आसानी से उगाया जा सकता है। अधिक ठंडा और पाला का प्रकोप होने से फूलों को अधिक नुकसान होता है। शाकीय वृद्धि के समय तापमान अनुकूल से कम रहने पर फूलों का आकार छोटा हो जाता है। अच्छी फसल के लिए 15 से 20 डिग्री तापमान सर्वोत्तम होता है। अधिक गर्म जलवायु इसकी खेती के उपयुक्त नहीं होती है। क्योंकि अधिक गर्म जलवायु में इसके फूलों की गुणवत्ता प्रभावित होती है। जिससे पैदावार भी अच्छी नहीं होती है।