Sugarcane Farming: गन्ने की खेती के साथ इन दो फसलों की खेती किसानों को देगी दुगना मुनाफा, जाने पूरी डिटेल .देश के लाखो किसान अधिक और मोटा मुनाफा कमाने के लिए गन्ने की खेती में विशेष रूचि दिखा रहे है। बता दे की गन्ना एक लम्बी अवधि में उत्पादन देने वाली फसल है। ऐसे में किसान भाई समय का फायदा उठाकर गन्ने के साथ साथ अन्य फसलों की खेती कर बेहतर लाभ कमा सकते है। बता दे की गन्ने के साथ कई ऐसी फसले भी आप बो सकते यही जो आपको बहते मुनाफा दे। आज हम आपको हमारी इस खबर के माध्यम से कुछ फसलों के बारे में बताने वाले है। जिसको आप गन्ने के साथ साथ बुवाई करके बेहतर लाभ कमा सकते है।
आइये जानते है उन फसलों के बारे में

अब आप भी यह जानना चाहते होंगे की वे कौनसी ऐसी फसलें है जो गन्ने के साथ उगाई जा सकती हैं तो आपको बता दे की जिन किसानों ने फरवरी-मार्च में बसंतकालीन गन्ने की बुवाई की है वे गन्ना के साथ मूंग, उड़द, धनिया, मैथी की खेती कर सकते हैं। इसको जिस अनुपात में बोया जाता है उसकी जानकारी हम आपको बता देते है।
- यदि गन्ने के साथ आप मूंग उगाना चाहते हैं तो इसका अनुपात 1:1 यानि एक पंक्ति गन्ने की तो दूसरी पंक्ति मूंग की लगाएं।
- यदि आप गन्ने के साथ उड़द की उगाना चाहते हैं तो इसका भी अनुपात 1:1 रखें।
- वहीं यदि आप गन्ना के साथ धनिया की खेती करना चाहते हैं तो गन्ना और धनिया का अनुपात 1:3 रखें।
- इसी प्रकार यदि आप गन्ना के साथ मैथी उगाना चाहते है तो इसका अनुपात 1:3 रखें।
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मूंग व उड़द की मांग बाजार में हमेशा रहती है
किसानों के लिए गन्ने के साथ मूंग व उड़द की खेती करना काफी फायदेमंद हो सकता है। ये दलहनी फसलों में मूंग व उड़द की मांग बाजार में 12 महीने बनी रहती है। साथ ही ीोसके दाम भी काफी अच्छे होते है। मध्यप्रदेश में कई किसान खेत खाली होने पर मूंग की खेती करके अतिरिक्त कमाई कर रहे हैं। ऐसे में आप भी गन्ने के साथ इन फसलों की खेती से मालामाल हो सकते है।
गन्ने की खेती के साथ इन दो फसलों की खेती किसानों को देगी दुगना मुनाफा, जाने पूरी डिटेल
भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ा देगी उड़द की खेती

अगर आप भी डूंगाणा लाभ कमाने के लिए गन्ने के साथ मूंग व उड़द की खेती करते हैं तो इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। साथ ही बिना किसी खर्च के आप अच्छा उत्पादन भी प्राप्त कर सकते हो। इस तरह आप गन्ने की फसल के साथ मूंग व उड़द की खेती करके कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। वहीं मूंग व उड़द की खेती से गन्ने की फसल को नाइट्रोजन मिलता है जो इसकी अच्छी पैदावार के लिए काफी लाभदायक होता है।
गन्ने के साथ मूंग की फसल लेते समय रखे इन बातो का ध्यान

अगर आप भी गन्ने के साथ मूंग की फसल लेना चाहते हो तो गन्ने की फसल लगाते समय दो कतारों या मेड़ों के बीच में लगभग तीन फीट की दूरी रखनी चाहिए। गन्ने के साथ मूंग की फसल उगाते समय इन बातो का रखे विशेषकर ध्यान।
- गन्ना लगाने के बाद मेड़ों पर देसी हल से या फिर बैल की सहायता से दो कतारों में मूंग की बुवाई करे।
- मूंग की बुवाई के लिए इसकी सबसे उन्नत किस्म को प्रयोग में लेना चाहिए।
- खेत की तैयारी के समय इसमें 5 किलोग्राम नाइट्रोजन और 16 किलोग्राम फॉस्फोरस प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए।
- मूंग के बीजों की बुवाई से पहले बीजों को उपचारित कर लेना चाहिए जिससे फसल पर कीट व रोग का प्रकोप कम हो। इसके लिए मूंग के एक किलोग्राम बीज को एक ग्राम कार्बेन्डाजिम और दो ग्राम केप्टान दवा का घोल बनाकर उपचारित करना चाहिए।
- अब उपचारित बीजों को राइजोबियम कल्चर से शोधन करना चाहिए। इसके लिए प्रति किलोग्राम बीज को 5 ग्राम राइजोबियम कल्चर से शोधन किया जाता है।
- मूंग की फसल में 18 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से डीएपी की मात्रा डालनी चाहिए।
- मूंग की पहली सिंचाई 10 से 15 दिन के अंतराल करनी चाहिए। इसके बाद आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहना चाहिए।
उड़द की बुवाई करते समय रखे इन बातो का ध्यान
- उड़द की बुवाई करते समय कतार से कतार के बीच की दूरी 30 सेमी तथा पौधे से पौधे के मद्य की दूरी 10 सेमी रखें।
- बता दे की इसकी फसल को 3 से 4 सिंचाई की जरूरत होती है। इसकी पहली सिंचाई पलेवा के रूप में तथा शेष सिंचाईयां 20 दिन के अंतराल पर करनी चाहिए।
- पौधे की प्रारंभिक अवस्था में 15 से 20 किग्रा नाइट्रोजन 40-50 किलोग्राम फॉस्फोरस तथा 40 किलोग्राम पोटाश प्रति हैक्टेयर की दर से बुवाई के समय खेत में मिला देना चाहिए।