फिल्म ‘शोले’ के इस एक्टर ने 19 की उम्र में निभाया 60 साल के बुजुर्ग का रोल , घर में 50 से पहले हुई सभी मर्दों की मौत

फिल्म ‘शोले’ के इस एक्टर ने 19 की उम्र में निभाया 60 साल के बुजुर्ग का रोल , घर में 50 से पहले हुई सभी मर्दों की मौत , हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे बेहतरीन और दिग्गज कलाकार है जिनको फिल्मो में आने से पहले बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उसके बाद उन्होंने बॉलीवुड में अपनी ऐसी छाप छोड़ी की फिर जब वो दुनिया से चले गए उसके बाद भी उनका नाम अमर हो गया। ऐसे ही एक बेहद टैलेंटेड और मंजे हुए कलाकर के बारे में हम आपको बताने जा रहे जिनके ज़िन्दगी की कहानी किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) बॉलीवुड के बेहतरीन सितारों में गिने जाते हैं. आज भले ही वह इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी अदाकारी आज आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है. 25 साल के करियर में संजीव कुमार ने कई बेहतरीन फिल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा मनावाया है, लेकिन बॉलीवुड में उनका करियर इतना आसान नहीं रहा है. उन्होंने एक्टिंग सीखने के लिए अपनी मां के गहने तक गिरवी रख दिए थे.
आपको बता दे की संजीव कुमार का जन्म सूरत के एक गुजराती परिवार में हुआ था। 25 साल के एक्टिंग करियर में उन्होंने 30 फिल्मों में काम किया। हालांकि फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी।फिल्मों के जैसे ही उन्होंने जीवन के हर मोड़ पर खुद को साबित किया। पिता के गुजर जाने के बाद मां ने गहने बेच कर उनका दाखिला एक्टिंग स्कूल में कराया। जैसे-तैसे लंबे संघर्ष के बाद उन्हें फिल्म हम हिंदुस्तानी में काम करने का मौका मिला लेकिन दूसरी फिल्म पाने के लिए उन्हें दर-दर की खानी पड़ी। नाटकों में अपने अभिनय की गहरा छाप छोड़ने के कारण संजीव कुमार को ऐसी पाॅपुलैरिटी ऐसी थी कि मौत के बाद भी उनकी 10 से ज्यादा फिल्में रिलीज हुई। वहीं उनके परिवार में सभी मर्दों की मौत 50 साल से पहले ही हो जाती थी। वजह क्या थी, इसका कभी खुलासा नहीं हुआ।
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पिता की तीसरी शादी की संतान थे संजीव कुमार

संजीव कुमार का जन्म 9 जुलाई 1938 को सूरत के एक गुजराती ब्राह्मण परिवार में हुआ था। फिल्मों में आने से पहले उनका नाम हरिहर जरीवाला था। उनके पिता जी कृष्ण भगवान के बहुत बड़े भक्त थे इसलिए बेटे का नाम रख दिया हरिहर जरीवाला। संजीव कुमार के बारे में जानने पहले थोड़ा उनके पिता जेठालाल के बारे में जान लेते हैं। संजीव कुमार की मां से शादी करने से पहले उनके पिता जेठालाल ने दो और शादियां की थीं। पहली और दूसरी पत्नी की मौत शादी के कुछ सालों बाद ही हो गई। इसके बाद जेठालाल गुजरात से मुंबई आ गए और यहां पर भी अपनी जरी की कढ़ाई के कारोबार को खूब बढ़ाया। साथ ही मुंबई एक आलीशान फ्लैट भी ले लिया। उसके बाद जेठालाल के परिवार ने उन पर ये दबाव डालना शुरू किया कि वो फिर से शादी कर लें। ना चाहते हुए भी घरवालों की जिद के कारण जेठालाल ने शांता बेन से शादी की। शादी के 5 साल बाद शांता ने एक बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम रखा गया संजीव कुमार जरीवाला। संजीव कुमार के बाद उनके 2 भाई और हुए।
एक्टिंग सीखने माँ ने बेचे गहने

संजीव कुमार को कामयाबी एक झटके में नहीं मिली थी बल्कि, उन्होंने एक-एक कदम रखकर इसे हासिल किया था. वह बचपन से ही एक्टर बनना चाहते थे, लेकिन एक्टिंग के गुर सीखने के लिए उन्हें बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ी. संजीव कुमार एक्टिंग सीखना चाहते थे लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे. ऐसे में उनकी मां ने अपने गहने गिरवी रखकर शशधर मुखर्जी के एक्टिंग स्कूल की फीस जमा की थी.
60 साल के बुजुर्ग का रोल भी किया

संजीव कुमार ने फिल्मों में आने से पहले काफी समय तक थिएटर में काम किया. ‘डमरू’ नाटक में 60 साल के बूढ़े का रोल निभाकर सभी को हैरान कर दिया था. उस वक्त उनकी उम्र महज 19 साल थी. इसके बाद उन्होंने कई फिल्म में काम किया, लेकिन कुछ खास पॉपुलैरिटी नहीं मिली. उन्होंने अपना संघर्ष जारी रखा.
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इस फिल्म ने बदली किस्मत

साल 1968 में रिलीज हुई फिल्म संघर्ष में संजीव कुमार के काम को आज भी किया जाता है, लेकिन सफलता अभी उनसे दूर थी. इसके बाद संजीव कुमार फिल्म खिलौना में अपनी दमदार एक्टिंस से सभी का दिल जीत लिया. इस मूवी में उन्होंने मानसिक बीमारी से ग्रसित लड़के की भूमिका निभाई, जिसने उन्हें कामयाबी के आसमान पर बिठा दिया. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) बचपन से हृदय संबंधी बीमारी से ग्रस्थ थे और शराब की लत ने उनकी बीमारी को और बढ़ा दिया. करियर के पीक में सिर्फ 37 साल की उम्र में उन्हें पहली बार हार्ट अटैक आया था, लेकिन उन्होंने अपनी लाइफ स्टाइल में कोई बदलाव नहीं किया. हैरान करने वाली बात ये है कि मां की पुण्यतिथि के दिन 6 नवंबर 1985 को संजीव कुमार इस दुनिया को छोड़कर चले गए. उस वक्त उनकी उम्र 47 साल थी.