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किसानों को मिली फसल उत्पादन की नवीनतम तकनीक की जानकारी : खरीफ कार्यशाला में

खरीफ कार्यशाला में किसानों को मिली फसल उत्पादन की नवीनतम तकनीक की जानकारी

किसान खरीफ की फसल को बेहतरीन और नवीनतम तकनीक से खेती कर उत्पादन बढ़ा सकते हैं। ताकि खेती किसान के लिए व्यावसायिक रूप ले सके।

डायलॉग एसोसिएट, किशनगंज : किसान खरीफ की फसल को बेहतरीन और नवीनतम तकनीक से खेती कर उत्पादन बढ़ा सकते हैं. ताकि खेती किसान के लिए व्यावसायिक रूप ले सके। यह बात गुरुवार को विधायक इजहारुल हुसैन ने हवाईअड्डे स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के सभा भवन में दीप प्रज्ज्वलित कर खरीफ कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद कही.

उन्होंने कहा कि जिले के सभी प्रखंडों में खरीफ फसल उत्पादन के लिए जलवायु और मिट्टी अनुकूल है. लेकिन किसानों को आधुनिक कृषि मशीनरी, उन्नत और वैज्ञानिक तकनीक से बेहतर सिंचाई प्रबंधन पर ध्यान देने की जरूरत है। बदलते जलवायु परिवेश को ध्यान में रखते हुए धान की सीधी बुवाई, श्री विधि से धान की खेती, धान की मशीनी प्रतिरोपण धान की रोपाई, अरहर की वैज्ञानिक खेती, उड़द की वैज्ञानिक खेती, तिल की वैज्ञानिक खेती और सब्जी उत्पादन की वैज्ञानिक खेती को ध्यान में रखते हुए। एक साथ ढैंचा की खेती करने की जरूरत है।

प्रभारी जिला कृषि पदाधिकारी :

खरीफ सीजन के दौरान विभिन्न फसलों के अधिक उत्पादन के लिए किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक और कीटनाशक समय पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए बीज, खाद और कीटनाशक दुकानों का लगातार निरीक्षण किया जाएगा. किसान अपने खेतों की मिट्टी की जांच कराएं। ताकि खरीफ की फसल की खेती के लिए खेतों में जरूरत के हिसाब से खाद डाली जा सके और फसल का उत्पादन बढ़े। जिले में अब तक 2,68,030 किसान ऑनलाइन पंजीकरण करा चुके हैं।

वहीं जिला पशुपालन विभाग, जिला मत्स्य विभाग और जिला खाद्य विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी किसानों को दी गयी. ताकि जरूरत मंद किसान एकीकृत खेती के माध्यम से पशुपालन और मत्स्य पालन करने में सफल हो सकें। इस दौरान मुख्य रूप से उप निदेशक (शिष्य) भूमि संरक्षण मिलन राय, वरिष्ठ वैज्ञानिक केवीके ई. मनोज राय, परियोजना निदेशक आत्मा, केके प्रसाद, सहायक निदेशक कृषि इंजीनियरिंग सुरेंद्र भारती, वैज्ञानिक डॉ. हेमंत कुमार सिंह, वैज्ञानिक डॉ. नीरज प्रकाश, कई पंकज कुमार, सतेंद्र कुमार सिंह सहित किसान मौजूद थे।

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