खरीफ सीजन में सोयाबीन की बुवाई का समय नजदीक :बुआई से पहले जरूर करे यह काम

खरीफ सीजन में सोयाबीन की बुवाई का समय नजदीक :- किसानों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है, अब उन्हें अच्छी बारिश का इंतजार है ताकि किसान फसल की बुवाई कर सकें. राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश शुरू हो गई है तो कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना है.
इस पोस्ट में हम सोयाबीन की खेती के बारे में कुछ बातें जानेंगे, जिनका ध्यान रखकर किसान आने वाले समय में नुकसान को कम कर सकते हैं, और पहले से सावधान रह सकते हैं। जैसे फसल पर कम या अधिक वर्षा का प्रभाव, फसल में कीटों और रोगों के प्रभाव आदि को कम किया जा सकता है और अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है।
सोयाबीन की बुवाई का सर्वोत्तम समय :-
सोयाबीन की बुवाई का सबसे अच्छा समय जून का दूसरा सप्ताह और जुलाई का पहला सप्ताह माना जाता है, लेकिन यह आने वाले मानसून पर निर्भर करता है, जब तक अच्छी बारिश नहीं होगी, तब तक किसान अपनी फसल नहीं बोएगा। किसान न्यूनतम 10 सेमी वर्षा होने के बाद ही खेतों में फसल बोते हैं।
खेत को कैसे तैयार करें :-
सोयाबीन की अच्छी पैदावार के लिए किसानों को 2 से 3 साल में अपने खेतों में अच्छी गहरी जुताई करनी चाहिए, जिससे मिट्टी कि पलटी हो सके और भूमि के उपजाऊ तत्व बाहर आ सके, कुछ दिन अच्छी तरह से धूप खिलाने के बाद उलटी दिशा में कल्टीवेटर एवं पाटा चलाकर खेत की मिट्टी को अच्छी तरह से तैयार कर लें ।
भूमि के पोषक तत्व में वृद्धि :- अंतिम बखरने से पहले गोबर की खाद 10 टन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से या फिर मुर्गी की खाद 2.5 टन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेत में फैलाकर अच्छी तरह से मिला देना चाहिए, जिससे भूमि के पोषक तत्व में वृद्धि होगी ।
अनियमित वर्षा से बचाव के लिए यह करें
कभी फसल बहुत ज्यादा बारिश के कारण खराब हो जाती है, तो कभी सूखा ही पड़ जाता है, या फिर हर किसी समय पर वर्षा हो जाती है, जिससे कि पूरी तरह से फसल नष्ट हो जाती है ।परंतु कुछ बातों का ध्यान रखकर इससे होने वाले नुकसान को कम जरूर किया जा सकता है, विपरीत स्थितियों में फसल को वर्षा से बचाने के लिए सोयाबीन की बोनी चौड़ी क्यारी प्रणाली (BBF) या फिर “रिज फेरो पद्धति” कूड मेड प्रणाली का चयन करें और संबंधित यंत्र उपकरणों का प्रबंध करें ।