फिच रेटिंग्स ने जीडीपी अनुमान घटाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया है, जिसके पहले 8.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई थी। वैश्विक जिंस कीमतों में तेजी के कारण महंगाई बढ़ने के चलते यह कटौती की गई है।
चालू वित्त वर्ष के जीडीपी अनुमानों पर भी कैंची चली है। :
आर्थिक मोर्चे पर फिच रेटिंग्स ने भारत को एक अच्छी और एक बुरी खबर दी है। फिच रेटिंग्स ने सॉवरेन रेटिंग्स के लिए आउटलुक को नकारात्मक से स्थिर कर दिया है। वहीं, चालू वित्त वर्ष के जीडीपी अनुमानों पर भी कैंची चली है।
वैश्विक कमोडिटी कीमतों में झटके :
सॉवरेन रेटिंग पर राहत: आउटलुक को स्थिर रखने के बावजूद फिच ने रेटिंग ‘बीबीबी-‘ पर बरकरार रखी है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, “आउटलुक में संशोधन हमारे विचार को दर्शाता है कि वैश्विक कमोडिटी कीमतों में झटके के बावजूद भारत में आर्थिक सुधार और वित्तीय क्षेत्र की कमजोरियां कम हुई हैं।” नतीजतन, मध्यम अवधि में विकास में मंदी का जोखिम कम हो गया है।”