बीमारी से ग्रस्त लोग सावन में भोलेनाथ के सामने करे बस ये उपाय, होंगे तुरंत रोग मुक्त , जान ले इसके नियम

बीमारी से ग्रस्त लोग सावन में भोलेनाथ के सामने करे बस ये उपाय ,होंगे तुरंत रोग मुक्त , जान ले इसके नियम, इस साल का आज पहला सावन सोमवार है , इस बार पंचांग में अधिक मास होने से सावन दो माह का होगा। इस बार 19 वर्षों बाद सावन मास और पुरुषोत्तम मास एक साथ आ रहे हैं. अबकी साल 2023 में सावन 59 दिनों का होने जा रहा है. सावन का महीना विशेष फलदाई होता है क्योकि इस माह में भगवान् महादेव सबकी मनोकामना पूर्ण करते है। पुरे माह लोग भोलेनाथ को प्रसन्न करने की लिए उनकी पूजा अर्चना करते है। लेकिन अगर आप या आपके परिवार में कोई ऐसा व्यक्ति है जो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है और इलाज के बाद भी ठीक नहीं हो पा रहा तो उन लोगो के लिए सावन माह बहुत अच्छा साबित होगा। उनके लिए एक विशेष उपाय है जिससे जल्द से जल्द उनकी पीड़ा काम हो सकती है।

हिन्दू धर्म में मन्त्र जाप और उच्चारण का एक विशेष महत्त्व माना गया है। हर भगवान के अलग अलग मन्त्र अलग फल देते है। उसी प्रकार भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र को बहुत शक्तिशाली माना गया है ,कहते हैे महामृत्युंजय मंत्र का जाप अकाल मृत्यु से छुटकारा दिला देता है. साथ ही इसके जाप से रोग, भय, कष्ट आदि सभी दोषों से मुक्ति मिल जाती है.कहा जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र में बहुत शक्ति होती है. इसके जाप के कई लाभ हैं. ये भय, रोग,कष्ट सबको दूर करता है. साथ ही इसके उच्चारण से भक्तों को लंबी आयु की प्राप्ति होती है और शिव जी की विशेष कृपा बनी रहती है. आइए जानते हैं कि इस मंत्र के जप के क्या लाभ हैं। साथ ही जप के समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.

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सावन में इस मन्त्र के जाप से मिलेंगे ये लाभ

सावन के महीना हिन्दू धर्म में काफी पवित्र महीना माना जाता है. कहा जाता है कि सावन में महामृत्युंजय मंत्र की शक्ति और भी बढ़ जाती है. धर्म ग्रथों और शास्त्रों की मानें तो महामृत्‍युंजय मंत्र का जप करने से अकाल मृत्यु टल जाती है. और व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है. इस मंत्र का जप व्यक्ति को जाने-अनजाने में किए गए समस्त पापों से मुक्ति दिलाता है.

महामृत्‍युंजय मंत्र का अर्थ

ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

अर्थ- इस पूरे संसार के पालनहार, तीन नेत्र वाले भगवान शिव की हम पूजा करते हैं. इस पूरे विश्‍व में सुरभि अर्थात खुशबू फैलाने वाले भगवान शंकर हमें मृत्‍यु के बंधनों से मुक्ति प्रदान करें, जिससे कि मोक्ष की प्राप्ति हो जाए.

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मंत्र उच्चारण के नियम

  1. मंत्र का उच्चारण करते समय वर्तनी और शुद्धता का ध्यान रखें.
  2. जाप रूद्राक्ष की माला पर ही करें.
  3. जाप के दौरान शिव जी की प्रतिमा, तस्वीर, शिवलिंग या महामृत्यु यंत्र को पास रखें.
  4. महामृत्युंजय हमेशा आसन पर बैठकर करना चाहिए.
  5. जप करते समय आपका मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए.
  6. साथ ही इस मंत्र का जाप एक निर्धारित जगह में ही करें. रोज अपनी जगह न बदलें.

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