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असम में बाल विवाह के खिलाफ बड़ा अभियान,24 घंटे में 2044 लोग गिरफ्तार

असम में बाल विवाह के खिलाफ बड़ा अभियान,24 घंटे में 2044 लोग गिरफ्तार, असम में बाल विवाह के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया जा रहा है।मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के सख्त आदे के बाद पुलिस ने पूरे राज्य में बाल विवाह के खिलाफ शुक्रवार से अभियान शुरू किया है। इसे लेकर राज्य में हड़कंप भी मचा हुआ है।पुलिस बाल विवाह कराने वालों को गिरफ्तार करने में जुटी है।मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने मीडिया को बताया कि करीब 1800 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह एक्शन राज्य के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा के आदेश पर हो रहा है। इस अभियान के तहत पूरे राज्य में 4074 मामले दर्ज किए गए। वहीं 57 काजी और पुजारी समेत कुल 2044 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।ये संख्या निश्चित रूप से बढ़ेगी क्योंकि राज्य भर में पुलिस का अभियान जारी है।मुख्यमंत्री सरमा ने गुवाहाटी में बताया कि बाल विवाह के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई अगले तीन से चार दिनों तक जारी रहेगी।

आपको बता दें कि राज्य मंत्रिमंडल ने 23 जनवरी को यह फैसला किया था कि बाल विवाह के दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा और साथ ही व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा. इस घोषणा के एक पखवाड़े से भी कम समय में पुलिस ने बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए हैं. पुलिस महानिदेशक जी.पी. सिंह ने कहा, ‘हमारे पास 8,000 नामजद अभियुक्तों की सूची है और अभी तक हमने केवल 2,044 लोगों को गिरफ्तार किया है। बाल विवाह के खिलाफ अभियान अगले तीन से चार दिनों तक जारी रहेगा.’ शुक्रवार शाम तक, विश्वनाथ जिले में सबसे अधिक 137 गिरफ्तारियां की गई हैं, इसके बाद धुबरी में 126, बक्सा में 120, बारपेटा में 114 और कोकराझार में 96 गिरफ्तारियां हुई हैं.

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जानें पूरा मामला क्या है ?

असम में बाल विवाह के खिलाफ बड़ा अभियान,24 घंटे में 2044 लोग गिरफ्तार

23 जनवरी को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में असम कैबिनेट ने बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर फैसला लिया था। सीएम सरमा ने बाल विवाह को जघन्य और अक्षम्य अपराध बताते हुए इसके खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी। इसके साथ ही एक बड़ा बदलाव कानून में यह भी किया गया था कि 14 साल से कम उम्र में लड़की की शादी करने के मामले पॉक्सो (Protection of Children from Sexual Offences-POCSO) एक्ट लगाने को मंजूरी दी गई।मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के सख्त आदे के बाद पुलिस ने पूरे राज्य में बाल विवाह के खिलाफ शुक्रवार से अभियान शुरू किया है। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने मीडिया को बताया कि करीब 1800 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।बाल विवाह के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई अगले तीन से चार दिनों तक जारी रहेगी।

महिलाएं भी विरोध में शामिल

असम में बाल विवाह के खिलाफ बड़ा अभियान,24 घंटे में 2044 लोग गिरफ्तार

असम में बाल विवाह के खिलाफ इस अभियान का महिलाएं भी विरोध कर रही है। एक महिला ने कहा कि केवल पुरुषों को ही क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है? हमारे बच्चे और हम किस तरह से जीवनयापन करेंगे? हमारे पास आय का कोई जरिया नहीं है। पुलिस ने कहा कि उनके पास 8,000 आरोपियों की सूची है और यह अभियान जारी रहेगा. वहीं, महिलाओं ने विभिन्न जिलों में इस कदम का यह कहते हुए विरोध भी किया कि उनके सामने आजीविका की समस्या होगी. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने यहां एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों को बताया कि राज्य भर में शुक्रवार सुबह से मुहिम शुरू की गई और यह अगले तीन से चार दिन तक जारी रहेगी.

कुरीति से मुक्ति के लिए चलाया गया अभियान

असम में बाल विवाह के खिलाफ बड़ा अभियान,24 घंटे में 2044 लोग गिरफ्तार

राज्यमंत्रिमंडल ने हाल में फैसला किया कि 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (Pocso) कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और 14-18 साल की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 2006 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा और विवाह को अवैध घोषित किया जाएगा और अगर लड़के की उम्र भी 14 साल से कम होगी तो उसे सुधार गृह भेजा जाएगा क्योंकि नाबालिगों को अदालत में पेश नहीं किया जा सकता. उन्होंने लोगों से ‘इस कुरीति से मुक्ति’ के लिए सहयोग एवं समर्थन की अपील की। हिमंता बिस्व शरमा ने राज्यव्यापी पुलिस कार्रवाई पर पुलिस महानिदेशक जी.पी. सिंह की मौजूदगी में सभी पुलिस अधीक्षकों (एसपी) के साथ डिजिटल बैठक की अध्यक्षता की.

असम में बाल विवाह के खिलाफ बड़ा अभियान,24 घंटे में 2044 लोग गिरफ्तार

अब तक सबसे ज्यादा 136 गिरफ्तारियां मुस्लिम बहुल धुबरी जिले में हुई हैं, जहां बाल विवाह के 370 मामले दर्ज किए गए थे। बराक घाटी के हैलाकांडी जिले में बाल विवाह का सिर्फ एक मामला दर्ज किया गया जबकि दीमा हसाओ में 24 और कछार में 35 मामले दर्ज किए गए.गिरफ्तार आरोपियों में 52 पुजारी और मौलवी भी शामिल हैं।ये संख्या निश्चित रूप से बढ़ेगी क्योंकि राज्य भर में पुलिस का अभियान जारी है।