दंतेवाड़ा (छ.ग.),
किसी भी चीज की सफल खेती के लिए सबसे जरूरी है सही मौसम में सही फसल का चुनाव। इसके अलावा फसल की सही तरीके से खेती करना भी जरूरी है। इसके अलावा सिंचाई और उर्वरकों का उचित उपयोग भी महत्वपूर्ण कारक हैं। गर्मी की लहर, पर्यावरण के साथ खिलवाड़ और बिना मौसम की बारिश जैसी समस्याओं से किसान भाइयों को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे फसल बर्बाद हो रही है। हालांकि, विपरीत परिस्थितियों के बीच भी, कई किसानों ने स्थिति से लड़ने की ठानी और सफलता का झंडा बुलंद किया।
सब्जियों की खेती से लाखों की कमाई करने वाले धरती के सपूतों ने वो कर दिखाया :
जिसके लिए किसान दुनिया भर में जाने जाते हैं। यानी धरती का सीना चीर कर फलती-फूलती फसल उगाना इन किसानों का ही नहीं बल्कि धर्म का पेशा है. छत्तीसगढ़ में बागवानी विभाग के सहयोग से एक किसान ने सब्जी की सफल खेती कर अच्छी कमाई की मिसाल कायम की है.
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में आधुनिक खेती कर रहे किसान
राजेश बागवानी विभाग के सहयोग से सब्जी की खेती कर लाखों रुपये कमा रहे हैं. सरकार द्वारा कृषि उपज की गुणवत्ता में सुधार लाने और किसानों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में भी कई प्रयास किए गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, किसानों की आय को दोगुना करने में नवीन खेती की महत्वपूर्ण भूमिका है। बैंगन और नेनुआ या लफ्फा जैसी सब्जियां उगाकर लाखों रुपये कमाने की बात थोड़ी चौंकाने वाली लगती है, लेकिन दंतेवाड़ा के एक किसान राजेश ने इसे सच साबित कर दिया है. ‘धान का कटोरा’ के नाम से मशहूर छत्तीसगढ़ आर्थिक स्थिति को सुधारने की पहल अब सब्जियों की खेती में भी अपनी पहचान बना रहा है। दंतेवाड़ा के किसान भी खुद आगे आ रहे हैं। सब्जियों की अच्छी पैदावार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। नई दुनिया की एक मीडिया रिपोर्ट में दंतेवाड़ा के रहने वाले किसान राजेश के हवाले से कहा गया है कि पारंपरिक खेती पर आधुनिक खेती का चुनाव आर्थिक स्थिति को सुधारने की एक पहल है.