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स्वीट कॉर्न की खेती : डबल इनकम के लिए स्वीट कॉर्न के साथ गेंदा, ग्लेडियोलस और मसालों की सह-फसल भी कर सकते हैं

डबल इनकम के लिए स्वीट कॉर्न के साथ गेंदा,

मीठी कमाई के लिए स्वीट कॉर्न : बरसात के मौसम में चटपटे कॉर्न का स्वाद किसे पसंद नहीं होता है. अच्छे स्वाद के साथ यह किसानों के लिए बेहतर आमदनी का जरिया भी बन सकता है। अतः जो किसान खरीफ मौसम में मक्की की साधारण फसल बोते हैं, वे स्वीट कॉर्न की खेती से अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। दरअसल, मक्के की एकमात्र मीठी किस्म है स्वीट कॉर्न, मक्के की फसल पकने से पहले दूधिया अवस्था में इसकी कटाई की जाती है। भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी स्वीट कॉर्न बहुत पसंद किया जाता है। ऐसे में स्वीट कॉर्न की मांग को पूरा करना एक बड़ी चुनौती बन जाता है। इसलिए, यदि किसान आम मक्का उगा रहे हैं, तो वे दोगुनी कमाई के लिए स्वीट कॉर्न की फसल बो सकते हैं।

खेती कैसे करें :
मक्के की खेती की तरह ही स्वीट कॉर्न की खेती की जाती है। स्वीट कॉर्न की खेती में मक्के की फसल पकने से पहले तोड़ ली जाती है, जिससे किसानों को कम समय में अच्छी आमदनी हो जाती है.

इसकी खेती करते समय मक्के की उन्नत किस्मों का ही चयन करें। :

कीट प्रतिरोधी किस्मों को चुनना बेहतर है जो कम अवधि में परिपक्व हों।

खेत की तैयारी करते समय जल निकासी का प्रबंध करें ताकि फसल में जलजमाव न हो।

वैसे तो स्वीट कॉर्न पूरे भारत में उगाया जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है।

उत्तर भारत में इसे खरीफ के मौसम में यानी जून से जुलाई के बीच बोया जाता है।

स्वीट कॉर्न की खेती रबी और खरीफ दोनों मौसमों में की जा सकती है।

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