मॉनसून सीजन में फसलों की बुआई के दौरान मक्का के किसान बड़े पैमाने पर खेतों में मक्का, जवार और बाजरे जैसी खरीफ फसलों की बुआई करते हैं। मक्के की खेती के साथ स्वीट कॉर्न (sweet corn) की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकता है। स्वीट कॉर्न सामान्य मक्के की ही मीठी वेराइटी है। यूं तो देशभर में स्वीट कॉर्न की खेती होती है, लेकिन उत्तर प्रदेश के किसान बड़े पैमाने पर स्वीट कॉर्न की खेती करते हैं। पढ़िए स्वीट कॉर्न फार्मिंग में कैसे अवसर हैं।
भारत के अलावा विदेश में भी स्वीट कॉर्न की काफी डिमांड
विदेश में भी स्वीट कॉर्न की डिमांड मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत के अलावा विदेश में भी स्वीट कॉर्न की काफी डिमांड है। ऐसे में मक्का किसान स्वीट कॉर्न उपजा कर दोगुने पैसे कमा सकते हैं। स्वीट कॉर्न की खेती मक्के के पैटर्न पर ही होती है। बस पकने के पहले दूधिया मक्कों को तोड़ लिया जाता है। बस कुछ जरूरी बातों का ध्यान रख किसान स्वीट कॉर्न से अच्छे पैसे कमा सकते हैं। कुछ रोचक बिंदुओं पर एक नजर
स्वीट कॉर्न की खेती साथ फूलों की रोपाई बता दें कि परंपरागत खेती के अलावा कुछ इनोवेटिव खेती और वैज्ञानिक तरीके अपनाकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। फ्लोरीकल्चर यानी फूलों की खेती भी ऐसा ही विकल्प है। कृषि मामलों के जानकारों की मानें तो दोगुनी आमदनी के लिए किसान स्वीट कॉर्न की खेती साथ फूलों की रोपाई भी कर सकते हैं। फूलों की किस्मों में गेंदा और ग्लैडियोलस की रोपाई की जा सकती है। फसल से निकलने वाला चारा मवेशियों के काम खेती किसानी की समझ रखने वाले लोग बताते हैं कि स्वीट कॉर्न के अलावा एक ही खेत में गोभी, धनिया मटर और पालक जैसे फसलों की रोपाई भी की जा सकती है। स्वीट कार्न की फसल से निकलने वाला चारा मवेशियों के काम आता है। ऐसे में स्वीट कॉर्न फार्मिंग से लाभ दोगुना हो जाता है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक भारत में हर साल 20 मिलियन टन से अधिक मक्के का उत्पादन होता है।