Wednesday, March 29, 2023
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गर्मी में पशुओं की देखभाल : गर्मी के मौसम में पशुओं का रखें विशेष ख्याल और जानिए कैसे करें उनकी रक्षा

गर्मी के मौसम के लिए पशु देखभाल युक्तियाँ:

भारत में, पशुपालन के तहत दुधारू पशुओं को बड़े पैमाने पर पाला जाता है। इनमें से ज्यादातर गाय, भैंस, बकरी और ऊंट शामिल हैं। जाहिर है, पशुपालन एक बहुत ही जिम्मेदार काम है, जिसमें जानवरों को समय पर साफ करना, खिलाना, पानी देना, दूध देना और घुमाना शामिल है। लेकिन गर्मियां आते ही चिलचिलाती धूप में लू लगने की समस्या पशुओं को भी घेर लेती है। हालांकि पहले से सावधानियां बरतकर बीमारियों को पनपने से रोका जा सकता है। लेकिन अगर समस्या बढ़ती भी है तो समय रहते इनकी पहचान कर पशुओं को बीमार होने से बचाया जा सकता है।

पशुओं में लू लगने के लक्षण
जाहिर सी बात है कि देश में कई बार तेज धूप में पारा 45 डिग्री तक चला जाता है. ऊपर से गर्म हवाएं पानी की कमी और जानवरों को हीट स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं। अगर समय रहते सावधानी बरती जाए तो बीमारियों की संभावना कम हो जाती है। लेकिन अगर जानवर गर्मी से बीमार भी हो जाए तो इन लक्षणों से इसकी पहचान की जा सकती है-

पशु को तेज बुखार और बेचैनी है

ठीक से खाना नहीं

तेज बुखार में हांफना

नाक और मुंह से लार का निकलना

लाल आँखें और आँसू

तेजी से सांस लेना और ठोकर खाना

सुस्ती और खाना बंद

गर्मी में पशुओं की देखभाल : गर्मी के मौसम में पशुओं का रखें विशेष ख्याल और जानिए कैसे करें उनकी रक्षा

सुरक्षा के उपाय :
जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि जानवरों पर भी मौसम का असर इंसानों की तरह ही होता है। इसलिए जरूरी है कि इंसानों की तरह जानवरों की भी ठीक से देखभाल की जाए, ताकि जानवर और उनके बच्चे दोनों स्वस्थ रहें, ये उपाय हैं:-

सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक पशुओं को बंद मधुशाला में रखें और बोरे को मधुशाला के दरवाजे से ढक दें,

बोरे में गर्मी को नियंत्रित करने के लिए बोरे को दरवाजे से पानी में भिगो दें, ताकि बोरी ठंडी रहे।

जानवरों को समय-समय पर ठंडा और साफ पानी देते रहें, इससे जानवर हीट स्ट्रोक से दूर रहेंगे।

अपने पशुओं को नर्म भोजन और हरा चारा खिलाएं। उन्हें बासी खाना खिलाएं, इससे पशुओं को कब्ज हो सकता है।

प्रातःकाल पशुओं को मधुशाला से बाहर निकाल दें और तंबूरा और पशु दोनों को साफ करें।

जानवरों के साथ-साथ उनके बच्चों का भी ख्याल रखें।

यदि जानवर की स्थिति असामान्य लगती है, तो पशु चिकित्सक को देखें

सुरक्षा के उपाय :
जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि जानवरों पर भी मौसम का असर इंसानों की तरह ही होता है। इसलिए जरूरी है कि इंसानों की तरह जानवरों की भी ठीक से देखभाल की जाए, ताकि जानवर और उनके बच्चे दोनों स्वस्थ रहें, ये हैं उपाय:-

सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक पशुओं को बंद मधुशाला में रखें और बोरे को मधुशाला के दरवाजे से ढक दें,

बोरे में गर्मी को नियंत्रित करने के लिए बोरे को दरवाजे से पानी में भिगो दें, ताकि बोरी ठंडी रहे।

जानवरों को समय-समय पर ठंडा और साफ पानी देते रहें, इससे जानवर हीट स्ट्रोक से दूर रहेंगे।

अपने पशुओं को नर्म भोजन और हरा चारा खिलाएं। उन्हें बासी खाना खिलाएं, इससे पशुओं को कब्ज हो सकता है।

प्रातःकाल पशुओं को मधुशाला से बाहर निकालकर तंबूरा और पशु दोनों को साफ करें।

जानवरों के साथ-साथ उनके बच्चों का भी ख्याल रखें।

यदि जानवर की स्थिति असामान्य दिखती है, तो पशु चिकित्सक को देखें