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धान की खेती: डीएसआर तकनीक से कमा सकते हैं किसान बड़ा मुनाफा, कम पानी में पैदा होगा धान

धान की खेती

SRI Paddy Cultivation: 

खरीफ मौसम में धान की खेती में SRI Paddy Cultivation:श्री विधि का उपयोग अगर किसान करते हैं तो यह खाद, पानी, बीज और मजदूरी में लगने वाली लागत को भी कम करता है. खरीफ सीजन की प्रमुख फसल होने की वजह से देश के हर राज्य में इसकी खेती की जाती है.

धान की खेती करने का तरीका :

चावल गहनता प्रणाली (एसआरआई) यानी श्री विधि से धान की खेती से किसानों को भारी मुनाफा हो सकता है। अगर किसान खरीफ सीजन 2020 में धान की खेती में श्री पद्धति का उपयोग करते हैं, तो इससे खाद, पानी, बीज और श्रम की लागत भी कम हो जाती है। खरीफ मौसम की मुख्य फसल होने के कारण इसकी खेती देश के हर राज्य में की जाती है। इसमें कोई शक नहीं कि धान की बुवाई की इस आधुनिक तकनीक से किसान बंपर मुनाफा कमा सकते हैं। इसलिए आज हम आपको धान की खेती में एसआरआई तकनीक के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं कि आप धान की नर्सरी कैसे तैयार कर सकते हैं और उसके माध्यम से उत्पादन कैसे ले सकते हैं।

तैयारी धान की खेती के लिए खेत की :

(Preparation of field for paddy cultivation)खेत की तैयारी पारंपरिक तरीके से की जाती है। पहले जमीन को समतल करें। धान में बोने के 12 से 24 घंटे पहले खेत में 1 से 3 सेंटीमीटर से ज्यादा पानी न रखें. साथ ही पौधे लगाने से पहले खेत में 10*10 इंच की दूरी अंकित कर लें।

धान की खेती में खाद : (Manure in paddy cultivation)

यूरिया खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं तो 2 से 3 बार वीडर चलाने के बाद ही खाद डालें.

(Paddy irrigation and water management):

खेत में पौधों को रोपने के बाद किसान पौधों में नमी बनाए रखने के लिए आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहते हैं।

निराई और खरपतवार नियंत्रण :

धान की श्री तकनीक से खेती करने में खरपतवार नियंत्रण करना बहुत जरूरी है.पहली निराई 10-15 दिन के बीच में कर दें.ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादा दूरी में पौधा लगाने से घास ज्यादा हो जाती है. घास निकालने के लिए किसान धन की खेती में कोनो या अम्बिका वीडर मशीन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. 

जिससे मिट्टी पोला होती है और धान के पौधों की जड़ों को हवा भी बराबर मिलती है.

पौधों की रोपाई : (Transplanting of plants in paddy)

पौधे की रोपाई Transplanting के दौरान हाथ के अंगूठे और वर्तनी अंगुली का उपयोग करें. खेत में बनाए निशान की हर चौकड़ी पर एक पौधे की रोपाई करें. साथ ही नर्सरी से निकाले पौधों को मिट्टी समेत ही लगाएं. धान के बीज समेत पौधे को ज्यादा गहराई पर न रोपें.

(Main varieties) :

ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में जैसे- नरेन्द्र ऊसर धान-3,

नरेन्द्र धान-5050, नरेन्द्र ऊसर धान-2009,

नरेन्द्र ऊसर धान-2008

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