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हरियाणा में इस खरीफ सीजन में धान की खेती का रकबा एक लाख एकड़ कम हो जाएगा!

हरियाणा में इस खरीफ सीजन में धान की खेती का रकबा एक लाख एकड़ कम हो जाएगा!

खरीफ सीजन राज्य में फसल विविधीकरण पर केंद्रित है :

खरीफ सीजन राज्य में फसल विविधीकरण पर केंद्रित है. नतीजतन कृषि विभाग ने इस खरीफ सीजन राज्य में धान की खेती का रकबा
एक लाख एकड़ कम करने का लक्ष्य रखा है. राज्यवार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कृषि विभाग ने जिलावार लक्ष्य भी निर्धारित कर
दिया है.

फसल विविधीकरण :
इसी कड़ी में कृषि विभाग ने फसल विविधीकरण के लिए किसानों से पंजीकरण मांगे हैं, जिसकी प्रक्रिया इन दिनों जारी है. वहीं जिला स्तर
पर भी कृषि अधिकारियों को मुस्तैद किया गया है.
धान की जगह अन्य फसलों को बढ़ावा दे रहा :
हरियाणा सरकार अपने फसल विविधीकरण कार्यक्रम के तहत धान की जगह अन्य फसलों की बुवाई को बढ़ावा दे रहा है. इसके लिए
हरियाणा सरकार ने ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना शुरू की हुई है. इस योजना के तहत इस वर्ष एक लाख एकड़ रकबे में अन्य फसलों
की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिसके तहत कृषि विभाग ने राज्य में धान की जगह 15 हजार एकड़ में मक्का, 51 हजार
एकड़ में कपास, 2500 एकड़ में दलहन, एक हजार एकड़ में तिलहन, 15 हजार एकड़ में चारा और 15 हजार एकड़ में सब्जियां बोने

अन्य फसलों की बुवाई के लिए पंजीकरण हुआ :

10,796 एकड़, कैथल में 7,338 एकड़ और हिसार में 7,088 एकड़ में धान की जगह अन्य फसलों की खेती करने का अन्य लक्ष्य
निर्धारित किया है. असल में पिछले साल भी कृषि विभाग ने फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए दो लाख एकड़ का लक्ष्य निर्धारित
किया गया था, विभाग का यह लक्ष्य पूरा नहीं हो सका. मसलन राज्य मेंलगभग 98,000 एकड़ भूमि में ही फसल विविधीकरण के तहत
धान की जगह अन्य फसलों की बुवाई के लिए पंजीकरण हुआ. जिसमें से 53,000 एकड़ में ही फसल विविधीकरण हासिल हो सका.

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