कुछ अनाज की फसलें किसानों को कम लागत पर अधिक लाभ ला सकती हैं :
अनाज और बाजरा की खेती खरीफ मौसम में खेती के लिए कुछ अनाज की फसलें किसानों को कम लागत पर अधिक लाभ ला सकती हैं।
खरीफ फसल की खेती: भारत में खेती के लिए तीन फसल चक्र अपनाए जाते हैं। इनमें तीन नाम शामिल हैं- रबी, खरीफ और जायद। खरीफ फसलों की बुवाई के लिए वर्तमान समय सबसे अच्छा माना जाता है। क्योंकि खरीफ फसलों की बुवाई के लिए तापमान अधिक होता है और फसल पकने के समय तापमान शुष्क होना चाहिए। खरीफ मौसम के दौरान, फसलों की बुवाई जून-जुलाई में की जाती है और कटाई सितंबर-अक्टूबर तक की जाती है। आमतौर पर इस मौसम में ज्यादातर किसान धान की खेती करते हैं। लेकिन देश भर में बढ़ रहे धान के उत्पादन को नियंत्रित करने और अन्य फसलों के उत्पादन को बढ़ाने पर सरकार का विशेष ध्यान है। खरीफ मौसम में खेती के लिए कई अनाज की फसलें होती हैं, जो कम लागत में किसानों को अधिक लाभ दिला सकती हैं।
मक्का :
मक्का देश में धान के बाद दूसरी सबसे बड़ी फसल है। इसकी फसल से न केवल मक्का बल्कि पशुओं को हरा चारा भी मिलता है। मक्के की बुवाई के लिए मिट्टी का निकास करना सबसे अच्छा होता है। मक्के की फसल को समय-समय पर निराई-गुड़ाई, खरपतवार प्रबंधन और उर्वरकों के उपयोग के साथ-साथ अच्छी मात्रा में सिंचाई की भी आवश्यकता होती है। यह फसल जल्दी पक जाती है, जिससे अन्य सब्जियों की फसल भी खेतों में ली जा सकती है। इसलिए किसान अपने खेतों में मक्की की फसल लगा सकते हैं।
ज्वार :
सर्दियों की शुरुआत के साथ ही बाजार में ज्वार की मांग काफी हद तक बढ़ जाती है। इसकी खेती उत्तर प्रदेश के मथुरा से इलाहाबाद, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, बांदा, जालौन और झांसी के आसपास के इलाकों में की जाती है। अच्छी जल निकासी वाली रेतीली मिट्टी इसकी खेती के लिए बेहतर होती है। बुंदेलखंड की ढलान वाली मिट्टी में इसकी खेती से भी अच्छी उपज मिल सकती है। इसलिए उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के क्षेत्रों में मिट्टी परीक्षण के बाद ज्वार की फसल ली जा सकती है।
बाजरा :
बाजरे की फसल कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए वरदान मानी जाती है। इसकी खेती के लिए उन्नत बीजों का प्रयोग बीज उपचार के बाद ही करना चाहिए। ताकि फसल में कीड़ों के आने की संभावना न रहे। बाजरे की फसल को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। बस जरूरत के हिसाब से खाद और उर्वरकों का प्रयोग करें, इससे फसल को पोषण प्रदान करने में काफी मदद मिलेगी। ध्यान रहे कि बाजरे के खेतों में जल निकासी की समुचित व्यवस्था हो।
गन्ना :
गन्ना भारत की मुख्य फसल है, जिसे चीनी, गुड़ और शराब बनाने के लिए संसाधित किया जाता है। जाहिर है, भारत में चीनी और गुड़ की मांग पूरे साल एक समान रहती है। ऐसे में चीनी का उत्पादन पूरी तरह से गन्ने की खेती पर निर्भर करता है। इसलिए किसान भाइयों की जिम्मेदारी बनती है कि बुवाई का काम सही तकनीक से और सही समय पर करें। जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि ब्राजील के बाद गन्ने की खेती में भारत का स्थान पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर है।