अचानक जब पेड़ से होने लगी 200 और 500 के नोटों की बारिश , लूटने पहुंची भीड़ , सच्चाई जान हुए सभी हैरान

अचानक जब पेड़ से होने लगी 200 और 500 के नोटों की बारिश , लूटने पहुंची भीड़ , सच्चाई जान हुए सभी हैरान, पूरे देश में जगह जगह बारिश हो रही है , भीषण गर्मी के बाद आई बारिश से लोगो को काफी रहत मिली है। लेकिन जरा सोचिए अगर कोरोना लॉकडाउन के बीच रुपयों की बारिश होने लगे तो क्या हो! जी हां, आपको यकीन हो न हो, लेकिन उत्तर प्रदेश के रामपुर में ऐसा ही एक वाकया सामने आया है, जहां अचानक एक पेड़ से नोटों की बारिश शुरू हो गई. हवा में उड़ते 100, 200 और 500 के नोट देखकर पहले तो लोगों को भरोसा ही नहीं हुआ कि माजरा क्या है, लेकिन जब ये नोट उड़ते हुए जमीन पर गिरने लगे, तो इसे बटोरने की होड़ मच गई. देखते ही देखते इस पेड़ के नीचे कई लोग इकट्ठा हो गए और नोट बटोरना शुरू कर दिया.

उत्तर प्रदेश के रामपुर में पेड़ से नोटों की बारिश होने की खबर लगी तो लोगो की भीड़ जमा हो गई। लेकिन जब लोगो को इस बारिश की सच्चाई का पता लगा तो हर कोई हैरान हो गया। दरअसल यह घटना रामपुर के तहसील परिसर में हुई जब जमीन का बैनामा कराने आए व्यक्ति का नोटों से भरा बैग लेकर वंहा पहुंचा। वंही एक बन्दर ने उसशख्स का बैग छीन लिया और पेड़ पर चढ़ गया। बंदर ने ऊपर से नोट बिखरने शुरू कर दिए। नोटों की बारिश होते देख तहसील परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। रुपये बंटोरने के लिए लोगों की भीड़ जुट गयी। जब व्यक्ति को पता लगा तो उन्होंने शाेर मचाना शुरू कर दिया। वकीलों ने मिलकर बंदर भगाए और रुपये एकत्रित कर दिए। बाद में सब रुपये एकत्र कर लिए गए। यंहा परिसर में बंदरों का जमावड़ा रहता है ,आने जाने वाले लोग बंदरो के आतंक से काफी परेशान रहते है।

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डेढ़ लाख रुपये रखे थे बैग में

रामपुर के शाहाबाद कस्बे की यह घटना की है. पेड़ से नोटों की बारिश जिसने भी देखी, वह भागते हुए रुपए लूटने में लग गया. लोग नोट बटोर भी रहे थे और चीख-चीखकर पास के लोगों को बता भी रहे थे. आनन-फानन में यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गई और पेड़ के नीचे कई लोगों की भीड़ जमा हो गई. जिसके हाथ जो भी नोट आ रहा था, वह उसे बटोरने में लगा था. लेकिन अभी लोग नोट बटोर ही रहे थे कि इसी बीच इसके पीछे की कहानी यानी सच्चाई सामने आ गई और लोगों के हाथ में आए पैसे निकल गए. दरअसल, नोटों की बारिश के पीछे एक बंदर की कारस्तानी थी.

दिल्ली निवासी अबरार ने नगर में जमीन खरीदी है। वह उसका बैनामा कराने के लिए मंगलवार को तहसील पहुंचे थे। उनकी मोटरसाइकिल के बैग में डेढ़ लाख रुपये से भरा बैग रखा था। वह तहसील परिसर में अधिवक्ता के चेंबर के पास मोटर साइकिल खड़ी कर चेम्बर पर काम कराने लगे। इसी बीच एक बंदर डेढ़ लाख रुपये से भरा बैग निकालकर तहसील की इमारत पर चढ़ गया और नोटों को बिखेरने लगा।

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बन्दर ने कर दी नोटों की बारिश

ऊपर से नोटों की वर्षा होते देख लोग नोट उठाने लगे। तब अबरार को अपना बैग याद आया और उसने शोर मचाना शुरू कर दिया, जिसको सुनकर तहसील परिसर में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। अधिवक्ताओं तथा अन्य लोगों ने बंदर को घेरा तो वह बैग छोड़ गया। इसके बाद रुपये इकट्ठे करके अबरार को दे दिए।तब जाकर उसने राहत की सांस ली। तहसील परिसर में काफी तादाद में बंदर हैं। बंदर अक्सर किसी न किसी का समान लेकर पेड़ों पर चढ़ जाते हैं। कई माह पूर्व भी बंदर नोटों की गड्डी लेकर पेड़ पर चढ़ गया था।

माजरा कुछ यूं था कि शाहाबाद कस्बे में एक बंदर ने किसी पुलिसवाले का पर्स उठा लिया और लेकर एक पेड़ पर चढ़ गया. डायल 112 में तैनात पुलिसवाले को इसकी भनक भी नहीं लगी. पर्स लेकर बंदर एक पेड़ पर चढ़ गया और उसने पैसे निकालकर उड़ाना शुरू कर दिया. लोगों ने बंदर के लुटाए नोटों को देखकर इसे रुपयों की बारिश समझ लिया और पैसे इकट्ठा करना शुरू दिया. लेकिन नोटों की बारिश के पीछे की असलियत जब सामने आई, तो उन्हें मायूसी हाथ लगी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शाहाबाद कस्बे में तैनात पुलिसकर्मी अपनी गाड़ी में पर्स रखकर खाना खाने गए थे. लेकिन वे गाड़ी का शीशा बंद करना भूल गए. इस कस्बे में बड़ी तादाद में बंदर हैं, जिनके कारण लोग परेशान रहते हैं. इन्हीं बंदरों से एक ने पुलिसवाले का पर्स गाड़ी से निकाल लिया. पेड़ पर चढ़कर बंदर ने जब पर्स खोला तो उसमें से पैसे गिरने शुरू हो गए.

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