अभिनेता परेश रावल पर बंगालियों के अपमान के आरोप में दर्ज FIR हुई रद्द, कलकत्ता हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

अभिनेता परेश रावल पर बंगालियों के अपमान के आरोप में दर्ज FIR हुई रद्द, कलकत्ता हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, मशहूर एक्टर परेश रावल को कोलकाता हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने बंगालियों के अपमान के आरोप में अभिनेता पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है। बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान परेश रावल ने बंगालियों को लेकर विवादित बयान दिया था।अदालत ने कहा कि प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध करते हुए उसके समक्ष याचिका दायर करने वाले रावल पहले ही स्पष्टीकरण दे चुके हैं और संबंधित टिप्पणी पर माफी मांग चुके हैं. न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने मामले के सभी पहलुओं पर विचार करते हुए प्राथमिकी रद्द कर दी और कहा कि कार्यवाही को आगे जारी रखना वांछनीय नहीं है.
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद रावल ने अपनी याचिका में कहा था कि पिछले साल गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान 29 नवंबर को गुजराती भाषा में दिए उनके भाषण की गलत व्याख्या की गई और राजनीतिक प्रतिशोध के लिए इसका गलत अनुवाद किया गया. रावल ने कहा कि उन्होंने अपने बयान पर स्पष्टीकरण दिया है और दो दिसंबर को माफी मांगी, उसी तारीख को सलीम ने कोलकाता के तलतला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.कलकत्ता हाईकोर्ट ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव मोहम्मद सलीम द्वारा अभिनेता परेश रावल के खिलाफ दर्ज कराई गई एक प्राथमिकी सोमवार को रद्द कर दी. उक्त प्राथमिकी में दावा किया गया था कि पद्मश्री से सम्मानित रावल ने बंगाली समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की.
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दिसंबर में गुजरात चुनाव में दिया था भाषण

बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए अभिनेता परेश रावल ने मछली और चावल की बंगालियों की प्रथा को लेकर विवादित बयान दिया था। उनकी इस टिप्पणी पर बंगाल के कई नेताओं ने आपत्ति जताई थी। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता मोहम्मद सलीम ने उनके खिलाफ कोलकाता के एक पुलिस स्टेशन में केस भी दर्ज करवाया था, जिसे आज हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। परेश रावल के बयान की कई दलों के नेताओं ने उनकी आलोचना की थी।
परेश रावल को कोर्ट से राहत

अभिनेता और भाजपा नेता परेश रावल को कोलकाता हाईकोर्ट से राहत भरी खबर मिली है। परेश रावल पर बंगालियों को लेकर दिए गए उनके बयान को लेकर कोलकाता के एक पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ था। माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने उनके खिलाफ ये केस दर्ज करवाया था। जिसके बाद अब हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज केस को रद्द करने का आदेश दिया है।
परेश रावल ने क्या बयान दिया था?

परेश रावल की बंगालियों पर टिप्पणी तब आई जब वे गुजरात में बीजेपी के लिए प्रचार कर रहे थे. उन्होंने एक भाषण में कहा, “गैस सिलेंडर महंगे हैं लेकिन कीमतें कम हो जाएंगी. लोगों को रोजगार भी मिलेगा, लेकिन अगर रोहिंग्या प्रवासी और बांग्लादेशी आपके आसपास दिल्ली की तरह रहने लगे तो क्या होगा? गैस सिलेंडर का आप क्या करेंगे? बंगालियों के लिए मछली पकाएंगे?” बता दें कि 2 दिसंबर को परेश रावल ने इस विषय पर अपनी राय के लिए माफी मांगी थी. उन्होंने कहा था कि बयान अवैध ‘बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं’ के संदर्भ में था.
इन धाराओं के तहत हुई थी FIR

बताया जा रहा है कि रावल के खिलाफ IPC की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153A (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153B (भाषाई या नस्लीय समूहों के अधिकारों से वंचित करना), 504 (भड़काने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
टीएमसी ने आपत्ति जताई थी

टीएमसी ने रावल के बयान पर उन्हें आड़े हाथों लिया था. टीएमसी के आईटी प्रमुख देबांशु भट्टाचार्य ने कहा, “मोदी जी गैस और एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर सत्ता में आए थे. क्या परेश रावल ये भूल गए? जब गैस के दाम बढ़ते हैं तो इसका असर हिंदू और मुसलमान दोनों पर पड़ता है. यह शर्मनाक है कि ओ माय गॉड जैसी फिल्म बनाने वाले और धर्म के धंधे का विरोध करने की बात कहने वाले परेश चुनाव के दौरान गुजरात में सिर्फ दो वोट पाने के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं.”