20 हजार रुपए लीटर बिकने वाले इस तेल के फूल की खेती कर किसान कमा सकते है बम्पर मुनाफ़ा, देखे खेती करने का तरीका

20 हजार रुपए लीटर बिकने वाले इस तेल के फूल की खेती कर किसान कमा सकते है बम्पर मुनाफ़ा, देखे खेती करने का तरीका, इस फूल का तेल बिकता है 20 हजार रुपए लीटर और इसके खेती करने का तरीका भी बहुत आसान है लेकिन भारत में अभी भी अधिकांश किसान परंपरागत फसलों की खेती करते आ रहे हैं जिससे उन्हेें सीमित मात्रा में ही लाभ मिल पा रहा है। यदि किसान परंपरागत फसलों के साथ ही फल, सब्जियों या फूलों की खेती करे तो उससे भी अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। आज हम बात कर रहे है एक ऐसे फूल की जिसकी खेती करके किसान मालामाल हो सकते हैं। इस फूल का नाम है जिरेनियम। आई जानते जिरेनियम की खेती करने का तरीका

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जिरेनियम क्या है

जीरेंनियम एक सुगंधित पौधा है जिसका उपयोग बहुत से औषधि में भी क्या जाता है इस पौधे को गरीबों का गुलाब भी कहा जाता है। जिरेनियम के फूलों से तेल निकाला जाता है जो औषधी के साथ ही और काम भी कई काम आता है। जिरेनियम के तेल में गुलाब जैसी खुशबू आती है। इसका उपयोग एरोमाथेरेपी, सौंदर्य प्रसाधन, इत्र और सुगंधित साबुन बनाने में किया जाता है।

जिरेनियम की खेती करने से क्या होगा लाभ

एक अनुमान के मुताबिक जिरेनियम की मांग प्रतिवर्ष 120-130 टन है और भारत में इसका उत्पादन सिर्फ 1-2 टन होता है। इसलिए मांग को देखते हुए जिरेनियम की खेती उत्तर भारत में की जा सकती है। इससे किसानों की आय भी दुगुनी हो सकती है। बता दें कि जिरेनियम की खेती के लिए सरकार से सब्सिडी भी दी जाती है।

जिरेनियम की खेती कम पानी में भी की जा सकती है

जिरेनियम कम पानी वाली फसल है, इसे उगाने को लिए बेहद कम पानी चाहिए होता है। इसकी खेती ऐसे जगह पर की जा सकती है जहां बारिश कम होती हो। ऐसे क्षेत्र जहां पर बारिश 100 से 150 सेंटीमीटर तक होती है वहां पर इसकी खेती की जा सकती है। 

जलवायु मिट्टी कैसी चाहिए होगी

इसकी खेती के लिए हर तरह की जलवायु अच्छी मानी जाती है। लेकिन कम नमी वाली हल्की जलवायु इसकी अच्छी पैदावार के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। जिरेनियम की खेती उस क्षेत्र में की जानी चाहिए वार्षिक जलवायु 100 से 150 सेंटीमीटर हो। वहीं बात करें मिट्टी की तो इसकी खेती के लिए बलुई दोमट और शुष्क मिट्टी अच्छी मानी जाती है। मिट्टी का पीएचमान 5.5 से 7.5 होना चाहिए। 

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कैसे करे केटी की तैयारी

ट्रैक्टर की सहायता से खेत की दो तीन जुताई करने के बाद रोटावेटर से मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिए। इसके बाद खेत को पाटा लगाकर समतल कर लेना चाहिए। इसके अलावा खेत में पानी की निकासी के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए। बता दें कि ये लंबे समय की खेती है। इसमें किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इसकी पौध सही ढंग से तैयार करें ताकि उसे कोई नुकसान की संभावना नहीं रहे।

जिरेनियम का पौधा कहा मिलेगा

जिरमेनियम का पौधा केंद्रीय औषधीय एवं पौधा संस्थान से खरीदा जा सकता है।  इसके अलावा जो किसान आपके आस-पास जरमेनियम की खेती करते हैं उनसे पौधों की कटिंग ले सकते हैं। बड़े क्षेत्र में अगर इसकी खेती करना चाहते हैं तो आप लखनऊ या अपने आस-पास खेती करने वाले किसान से पौधे लाकर पॉली हाउस में लगा सकते हैं। 

जिरेनियम में लगने वाली लागत

जरेनियम में लागत भी सिमित ही लगती है जिरेनियम की फसल में प्रति हेक्टेयर लगभग 80 हजार रुपए का खर्च आता है। वहीं इससे आय लगभग 2.5 लाख रुपए हो सकती है। इस तरह जिरेनियम की खेती करके एक हेक्टेयर से 1 लाख 70 हजार रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया जा सकता है।  

जिरेनियम के तेल की कीमत

जिरेनियम की खेती से किसान को बहुत प्रॉफिट है हमरे देश में इसकी खेती ज्यादा नहीं की जाती है जिरेनियम की खेती ज्यादातर विदेश में होती है और जिरेनियम के पौधे से निकलता है जो तेल काफी महंगा होता है। भारत में इसकी कीमत प्रति लीटर करीब 12 हजार से लेकर 20 हजार रुपए तक होती है जो की बहुत अच्छी कमाई हो जाती है.

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